टीम इंडिया अपने बहुप्रतीक्षित ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए यहां पहुंच चुकी है, जहां आगामी 21 नवंबर से उसे टी20 सीरीज खेलना है. इस दौरे को, खासकर इसकी टेस्ट सीरीज को टीम इंडिया के लिए कड़ा इम्तिहान माना जा रहा है. टीम इंडिया विदेशी सरजमीं पर खराब प्रदर्शन के ठप्पे को मिटाने में अब तक विफल रही है. इस साल की शरुआत में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका से 1-2 से टेस्ट सीरीज गंवाई थी इसके बाद अगस्त-सितंबर में उसे इंग्लैंड में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था.
इस मुद्दे पर टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि जब अधिकांश टीमें विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं तब किसी एक विशेष टीम को निशाना बनाना उचित नहीं है. शास्त्री के बयान उस समय आया है जब इंग्लैंड ने श्रीलंका में तीन टेस्ट सीरीज का लगातार दूसरा टेस्ट जीतते हुए विदेशी सरजमीं पर सीरीज जीत ली है.
भारत ने इस साल दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज ऐस समय पर हारी हैं जब माना जा रहा था कि यह विराट कोहली की टीम के पास अपने रिकार्ड के सुधार करने का शानदार मौका था. वहीं यह भी माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया टीम में, खासकर उसकी बल्लेबाजी में वह मजबूती नहीं है जब बॉल टेम्परिंग के कारण उसके दो खास बल्लेबाज स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर टीम में नहीं होंगे.
कितना अहम हैं भारत के लिए यह दौरा
यह पूछने पर कि भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतना कितना महत्वपूर्ण है, शास्त्री ने कहा, ‘‘आपको अपनी गलतियां से सीखना होगा. जब आप विदेशी दौरे पर जाते हैं और जब आप आज कल विदेशी दौरा करने वाली टीमों को देखते हैं तो ऐसी काफी टीमें नहीं हैं जो विदेश में अच्छा करती हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया ने 1990 के दशक और अगले दशक में कुछ समय ऐसा किया. दक्षिण अफ्रीका भी कुछ समय ऐसा करने में सफल रहा और इन दोनों के अलावा पिछले पांच से छह साल में आप बताइये किस टीम ने विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन किया. तो फिर भारत का ही नाम क्यों लिया जा रहा है?’’
शास्त्री ने फिर कहा, कुछ करीबी टेस्ट गंवाए थे भारत
यह पूछने पर कि क्या उन्होंने या कप्तान कोहली ने टीम से बात की कि आखिर क्यों उन्हें दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में हार का सामना करना पड़ा तो शास्त्री ने कहा, ‘‘हमने बड़े मौकों का फायदा उठाने के बारे में बात की. अगर आप टेस्ट मैचों को देखें तो नतीजा आपको असली कहानी बयां नहीं करता. कुछ बेहद करीबी टेस्ट मैच खेले गए और कुछ बड़े लम्हों को हमने बुरी तरह गंवाया जिसके कारण अंत में हमें सीरीज गंवानी पड़ी.’’
नहीं लगता कि ऑस्ट्रेलिया टीम कमजोर हुई है
शास्त्री ने यह मानने से इनकार कर किया है कि पिछले कुछ महीनों में जो हुआ उससे ऑस्ट्रेलिया टीम ने अपनी चमक खो दी है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे लगता है कि अगर एक बार आपके अंदर खेल संस्कृति आ जाए तो यह हमेशा रहती है. मेरा हमेशा से मानना रहा है कि घरेलू मैदान पर कोई टीम कमजोर नहीं होती. भगवान ना कर ऐसा हो पर हो सकता है कि जब कोई टीम भारत आए तो हमारे तीन या चार खिलाड़ी नहीं खेल रहे हो लेकिन अगर कोई सोचता है कि यह कमजोर टीम है तो आपको हैरान होना पड़ सकता है.’’
शास्त्री ने चेताते हुए कहा, ‘‘इसी तरह, हम किसी तरह के मुजरिमों से नहीं भिड़ रहे और हम मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं. बाहरी चीजों की जगह अपने खेल पर ध्यान लगाना चाहते हैं.’’
तेज गेंदबाजों से है यह उम्मीद
भारतीय कोच को यकीन है कि उनके तेज गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर गेंदबाजी करने में मजा आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर ये अतीत की पिचों की तरह हैं तो उन्हें (तेज गेंदबाजों को) इन पिचों पर गेंदबाजी करने में मजा आएगा. एक इकाई के रूप में फिट रहना महत्वपूर्ण है.’’ शास्त्री ने संकेत दिए कि चोटिल हार्दिक पंड्या की गैरमौजूदगी से उन्होंने एक अतिरिक्त गेंदबाज को खिलाने का मौका गंवा दिया.
शास्त्री को भी हार्दिक की कमी खल रही है
इस पूर्व आलराउंडर ने कहा, ‘‘हमें एक खिलाड़ी की कमी खलेगी और वह हार्दिक पंड्या है जो चोटिल है. वह गेंदबाज और बल्लेबाज के रूप में भी हमें संतुलन देता है जिसके कारण हम अतिरिक्त गेंदबाज खिला सकते हैं. उम्मीद करते हैं कि वह जल्द फिट हो जाएगा और अगर तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया तो हमें उसकी कमी नहीं खलेगी.’’ यह पूछने पर कि क्या यह भारतीय तेज गेंदबाजों के पास सर्वश्रेष्ठ मौका है, शास्त्री ने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि वे लंबे समय तक दमखम बनाए रख सकते हैं या नहीं.