बेगूसराय : बिहार सरकार ने किसानों के अच्छे दिन लाने की कवायद शुरू कर दी है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बेगूसराय समेत पूरे बिहार के किसानों के अच्छे दिन आ जाएंगे। किसानों को निजी नलकूप या पंपसेट के सहारे महंगे पटवन से मुक्ति मिल जाएगी। बिहार सरकार राज्य के सभी नलकूपों का संचालन निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर जल संसाधन विभाग द्वारा सभी लघु सिंचाई प्रमंडल को भेजा जा चुका है। बेगूसराय लघु सिंचाई प्रमंडल के बंद पड़े 254 तथा 168 चालू (जैसा कि अधिकारी बताते हैं) नलकूप निजी हाथों में जाएंगे। बंद एवं चालू सभी नलकूपों का संचालन संबंधित कमांड क्षेत्र के राजस्व गांव के लोग ही करेंंगे। विभाग का मानना है कि नलकूप चालकों की कमी होने के कारण नलकूप ठप हैं।
नलकूप के संचालन एवं रखरखाव हेतु इनका हस्तांतरण उसी राजस्व गांव के किसी व्यक्ति, व्यक्ति समूह, संगठन, किसानों की पंजीकृत संस्था, जीविका समूह, गैर सरकारी संगठन, ग्राम पंचायत को दिया जाएगा। चयन में जीविका समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। संचालक का चयन लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी जिसमें सहायक अभियंता कमेटी के सचिव तथा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, कनीय अभियंता, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं प्रखंड प्रमुख सदस्य बनाए गए है। संचालक का चयन 18 से 50 वर्ष उम्र के आवेदकों के मैट्रिक एवं समकक्ष योग्यता के आधार पर होगा। उम्मीदवारों के चयन के लिए संबंधित क्षेत्र के स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन एवं अस्पताल आदि सार्वजनिक जगहों पर सूचना प्रकाशित कर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। चयन दो वर्ष के लिए होगा तथा संतोषजनक नलकूप संचालन पर दो वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। इसके लिए लघु सिंचाई प्रमंडल कार्यालय में सूची प्रकाशित की जा चुकी है।