चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि वैश्विक सुशासन के लिए दुनिया को समान नियमों की जरूरत है, जिनका कोई स्वार्थी एजेंडा नहीं हो. शी ने चेताते हुए कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में किसी की जीत नहीं होगी.
शी ने पापुआ न्यू गिनी में एशिया प्रशांत सहयोग फोरम (एपेक) सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, “इतिहास गवाह है कि टकराव में फिर चाहे वह शीत युद्ध के रूप में हो आक्रामक (हॉट) युद्ध या व्यापारिक युद्ध के रूप में, किसी की जीत नहीं होती.”
शी ने कहा कि विवादों और असहमतियों को चर्चा और सलाह मशवरे के जरिए सुलझाना जाना चाहिए न कि विशेष गुट बनाकर या एक दूसरे पर प्रतिबंध लगाकर.
दरअसल, वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच सितंबर में व्यापार युद्ध में तेजी देखी गई थी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से होने वाले आयातों पर 200 अरब डॉलर टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में बीजिंग ने भी अमेरिकी आयात पर 60 अरब डॉलर का टैरिफ लगाया था.
उल्लेखनीय है कि बीते सितंबर माह में ही चीन के एक मंत्री ने कहा था कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिए उसके साथ बातचीत करना मुश्किल है, क्योंकि वॉशिंगटन ने बीजिंग के सिर पर लाक्षणिक रूप से बंदूक लगा रखी है. वाणिज्य उपमंत्री वांग शौवेन ने बीजिंग और वाशिंगटन द्वारा एक दूसरे पर अब तक के सबसे अधिक शुल्क लगा देने के एक दिन बाद मीडिया से यह टिप्पणी की. शुल्क लगाने से दोनों मुल्कों के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो गया.
वांग ने दावा किया कि अमेरिकी सरकार ने चीन को लेकर अपनी समझ का त्याग कर दिया है. मंत्री ने कहा कि 60 अरब डॉलर का चीनी शुल्क कुछ नहीं बस जवाब है, क्योंकि बीजिंग के पास कोई रास्ता नहीं बचा है. यह शुल्क तरल प्राकृतिक गैस जैसे कुछ अमेरिकी क्षेत्रों के लिए हानिकारक होगा. अमेरिका ने व्यापार युद्ध के तहत हाल ही में चीनी आयात पर 200 अरब डॉलर का शुल्क लगा दिया है. यह व्यापार युद्ध जुलाई में शुरू हुआ था.