राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची आने के बाद उपजे विवाद को दूर करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में उनके निवास पर मंथन जारी है. राहुल गांधी अपना मध्य प्रदेश दौरा बीच में ही छोड़कर वापस दिल्ली लौटे हैं. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के वार रूम 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड़ पर सुबह से ही टिकट वितरण को लेकर नाराजगी जाहिए करने पहुंचे राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने डेरा डाला हुआ था. यहां करीब 3 घंटे तक कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक चली. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद सभी नेता राहुल गांधी के निवास पर बैठक के लिए चले गए.
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक टिकट बंटवारे से राजस्थान कांग्रेस में नाराजगी को देखते हुए बुलाई गई. इस बैठक में तमाम वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में विवादित सीटों को लेकर मंथन हुआ. टिकट वितरण के बाद हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि पहली सूची में घोषित किए गए कुछ नामों में बदलाव भी हो सकता है.
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि एक्सरसाइज पूरी हो चुकी है. किसी भी वक्त दूसरी सूची आ सकती है. कांग्रेस नेताओं के बीच किसी भी प्रकार के मतभेद की खबरों पर गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट और मेरे बीच में भाईचारा है, प्यार है, कोई गलतफहमी नहीं है. सभी सहमति हो चुकी है.
टिकट को लेकर नेताओं की नाराजगी के सवाल पर गहलोत ने कहा कि टिकट सभी को नहीं मिल सकता है. राहुल जी का निर्देश है कि जमीनी को टिकट मिले. कांग्रेस पार्टी चाहेगी कि सभी को साथ लेकर चले. गहलोत ने कहा कि सभी को पता है कि राज्य में गैरकानूनू खनन हो रहा है, रेप हो रहे है. सबको पता है कुशासन का अंत होकर रहेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ऊपर भी आरोप लग रहा है कि उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया. राहुल गांधी ने राजस्थान में कहा था कि पार्टी सच्चे कार्यकर्ता को ही टिकट देगी पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगा. महिलाओं और युवाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी लेकिन जो सूची कांग्रेस ने जारी की है इसका ठीक उल्टा हुआ है.
कांग्रेस ने 2 दिन पहले ही पार्टी के अंदर शामिल हुए दौसा के सांसद हरीश मीणा और नागौर के विधायक हबीबुर्रहमान को विधानसभा का टिकट दे दिया है. पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में रोष है. कुछ दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह के समर्थकों को भी टिकट दिया गया है जिसको लेकर भी कार्यकर्ता अपना विरोध जता रहे हैं.
राजस्थान में कई सीटों पर पार्टी कार्यकर्ता बाहरी लोगों को टिकट देने का आरोप लगा रहे हैं, साथी बड़े नेताओं पर अपने बच्चों को टिकट देने का आरोप लग रहा है. दरअसल कांग्रेस की पहली सूची में भाई भतीजा वाद खूब जमकर चला है. जिन नेताओं के बच्चों को टिकट मिले हैं इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अबरार अहमद के बेटे दानिश, नारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र चौधरी, मकबूल मंडेलिया के बेटे रफीक मंडेलिया को चूरू से टिकट दिया गया है, जबकि वह पिछला चुनाव हार चुके थे. कांग्रेस नेता महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या को पार्टी में विधानसभा का टिकट दिया गया है. इसके अलावा हीरालाल मंदिरा के इसके अलावा हीरालाल इंदौरा के बेटे कुलदीप को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है जबकि सहदेव शर्मा के बेटे प्रशांत को भी मौका मिल गया है.
द्वारिका प्रसाद बैरवा के बेटे प्रशांत, गुलाब सिंह के बेटे गजेंद्र सिंह और रामनारायण चौधरी की बेटी रीता चौधरी को टिकट दिया गया है. यह सभी को सीटें हैं जिन पर कांग्रेस कार्यकर्ता टिकट मांग रहे थे लेकिन उनकी उपेक्षा कर दी गई. इसके अलावा मलखान विश्नोई के बेटे महेंद्र और जुझार सिंह के बेटे भरत सिंह को भी पार्टी ने विधानसभा का टिकट दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी लगने लगा है कि जिस तरीके से पहली सूची जारी होने के बाद कार्यकर्ताओं में बवाल मचा है उससे कांग्रेस की राजस्थान में संभावना धूमिल हो सकती है. लिहाजा वह चाहते हैं कि बाकी जो 48 सीटें बची हैं उनमें कार्यकर्ताओं के साथ न्याय कर दिया जाए, इसीलिए वह चाहते हैं कि टिकटों का बंटवारा उनके सामने हो इसलिए प्रदेश का दौरा बीच में छोड़कर वह दिल्ली आकर मीटिंग को अटेंड करेंगे.