नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी सरकार के समय ध्वस्त की गई संसदीय परम्पराओं को फिर से स्थापित करना उनकी पहली प्राथमिकता है। हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन लोगों को ऐसा लगता था कि वे केवल सत्ता में बने रहने के लिए पैदा हुए हैं, उन्हें यह समझने में समय लगेगा कि लोकतंत्र में कुछ भी स्थायी नहीं होता।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल से विधानसभा में नियमों और परम्पराओं का उल्लंघन हो रहा था। मनमाने तरीके से सदन का सत्र बुलाया जाता था, फिर उसका कभी सत्रावसान नहीं होता था। जब चाहा एक या दो दिन के लिए सदन बुला लिया और उसमें भी उन विषयों पर चर्चा कर समय नष्ट किया गया, जो सदन के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आते थे। यह अत्यंत हास्यास्पद था पिछले काफी समय से सदन में देश-दुनिया की पर राजनीतिक भाषणबाजी हुई लेकिन दिल्ली की जनता ने जिस लिए चुनकर भेजा, उस पर चर्चा ही नहीं हुई।
यह पूछे जाने पर कि आप आप एक एक्टीविस्ट हैं, तब सदन के संचालन में क्या चुनौती आ रही है, विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि वर्तमान दायित्व में मेरे लिए यही एक आंदोलन होगा कि मैं सदन की मर्यादा, उसकी परम्पराओं को स्थापित करते हुए इसकी कार्यवाही इस तरह संचालित करूं कि सदन में उच्च कोटि की चर्चा हो और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप उसका समाधान हो।
उन्होंने आम आदमी पार्टी के सदस्यों को चर्चा का अवसर न दिए जाने और विधानसभा परिसर के भीतर भी न घुसने देने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अब यह सदन कोरी राजनीति और अमर्यादित आचरण से नहीं चलेगा। मैं केवल और केवल नियमों पर चलकर इस सदन की गरिमा को बहाल करने के लिए कार्य करता रहूंगा। निरर्थक और गैरजिम्मेदाराना बहस कर सदन के समय और पैसे के बर्बादी कर इसे राजनीतिक अखाड़ा बनाने की कोशिशों को हम प्रश्रय नहीं देंगे। मेरे कार्यकाल में दिल्ली विधानसभा की मर्यादा बहाल होगी, विधानसभा में सार्थक, उद्देश्यपरक और जवाबदेह चर्चा करके जनहित के कानून बनाने, जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में काम किए जाएंगे। जनता ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर हमें बहुत आशा और विश्वास के साथ चुना है, प्रत्येक सदस्य को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कार्य करना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी