Pakistan PM Call NSC Meeting: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सख्त कदम उठा रहा है. बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती करने का एलान किया. इसके साथ ही भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को भी स्थगित कर दिया. इसके अलावा भारत ने अटारी चौकी को बंद करने का भी फैसला लिया है. भारत के इस एक्शन से पाकिस्तान खौफ में आ गया है. जिसके चलते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई है. बता दें कि ऐसी बैठकों को तब बुलाया जाता है जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करनी होती है.
क्या बोले पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ?
भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की भी प्रतिक्रिया सामने आई. ख्वाजा आसिफ ने कहा कि, सिंधु जल संधि को स्थगित करने और राजनयिक संबंधों में कटौती करने के भारत के कदम पर उचित जवाब देने के लिए शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व गुरुवार को बैठक करेगा. उन्होंने कहा कि, “प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक बैठक का आयोजन होगा.” पाक रक्षा मंत्री ने कहा कि, इस बैठक में भारत के कदमों का उचित जवाब देने के लिए निर्णय लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस बैठक में सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और प्रमुख कैबिनेट मंत्री भाग लेंगे.
मुजफ्फराबाद में जीपीओ ऑफिस के पास धमाका
इस बीच मुजफ्फराबाद में जीपीओ ऑफिस के पास धमाका हो गया. जिसमें एक इमारत की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए. हालांकि इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ. इसके बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक भारत की कार्रवाई का उचित जवाब तय करेगी, लेकिन उससे पहले ही ये धमाका हो गया. इन सबके बाद भी पाकिस्तान भारत की कार्रवाई का जवाब देने की बात कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान अपनी हकीकत जानता है. लेकिन उसे कभी स्वीकार नहीं करता.
इसी के साथ पाकिस्तान की पंजाब सरकार के एक मंत्री ने भी कहा कि उनका देश भारत की ओर से ‘किसी भी संभावित हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है’. मंत्री के इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई का डर सता रहा है. बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है. ऐसे में पाकिस्तान जानता है कि हमले के तार जुड़ने के बाद भारत उसपर हमला कर सकता है.