देश की राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित वक्फ बचाओ कॉन्फ्रेंस के दौरान मौलाना सरवर चिश्ती का विवादित और भड़काऊ बयान सामने आया है. इस बयान में उन्होंने मौजूदा समय को ‘सबसे अच्छा वक्त’ बताया और गाजा, बुलडोजर कार्रवाई, जेलों और इस्लामिक कुर्बानियों का जिक्र करते हुए भावनात्मक अपील की.कॉन्फ्रेंस में मौलाना ने कहा कि लोग इस समय को बुरा मानते हैं, लेकिन उनके मुताबिक यह वक्त अच्छा है क्योंकि इस्लाम को शहादतों के जरिए मजबूती मिल रही है. उन्होंने गाजा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लोग शहादत दे रहे हैं और यही इस्लाम की असली पहचान है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत में मुसलमानों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि बुलडोजर कार्रवाई और जेलों में कैद युवा. मौलाना ने अपील की कि जो लोग जेलों में हैं, उनके परिवारों की मदद की जाए और ऐसे लोगों के लिए फंड जुटाया जाए. उन्होंने कहा कि अब ‘चैरिटी का तरीका’ बदलने की जरूरत है. उनका मानना है कि हज, उमरा और बकरों की कुर्बानी पर खर्च करने की बजाय जेलों में बंद युवाओं और बुलडोजर पीड़ितों की सहायता पर ध्यान दिया जाना चाहिए.