अंबाला। हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर तीखे हमले किए हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। विज ने कांग्रेस की निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सात महीने बीत जाने के बाद भी पार्टी विपक्ष के नेता का चयन नहीं कर पाई है। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों की नाराजगी का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी पूरे देश में निर्णय लेने में असमर्थ है। विज ने कांग्रेस के इस रवैये को उनकी राजनीतिक कमजोरी का प्रतीक बताया है। विज ने वक्फ कानून का विरोध कर रहे लोगों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिनका न तो संविधान में विश्वास है, न संसद में और न ही अदालत में। उन्होंने कहा कि जब मामला अदालत में विचाराधीन है, तो उन्हें अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बहुमत का शासन होता है और सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए।
राहुल गांधी के अमेरिका में दिए गए बयानों पर विज ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश की धरती को अपनी नहीं मानते और खुद को भारत माता का सपूत नहीं मानते। विज ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर भारतीय संस्थाओं पर सवाल उठाकर देश की छवि को धूमिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को अपनी बात भारतीय संसद में रखनी चाहिए थी, जहां उन्हें जवाब दिया जाता।
विज ने राहुल गांधी के बयानों को राष्ट्रविरोधी बताया और कहा कि कोई भी भारतीय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। विज ने निर्माण श्रमिकों के सत्यापन में अनियमितताओं के मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने एक जांच कमेटी का गठन किया है। उन्होंने बताया कि सत्यापन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गई हैं, जो चिंता का विषय है।
अनिल विज के इन बयानों ने हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। उनके तीखे हमलों ने कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में ला दिया है। विज के बयानों को भाजपा की आक्रामक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जो कांग्रेस को कमजोर करने और अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रही है। आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति में और भी गरमाहट देखने को मिल सकती है।