लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है। व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग द्वारा युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान कर विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में सेवायोजित किया जा रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में इन हुनरमंद युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उक्त विचार उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने तीन दिवसीय क्षमता वर्धन कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। यह कार्यशाला सोमवार को लखनऊ के होटल सेंटरम, अंसल, सुशांत गोल्फ सिटी में दीप प्रज्ज्वलन कर प्रारंभ की गई।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में युवाओं के लिए हर क्षेत्र में अनेक संभावनाएं मौजूद हैं। दैनिक जीवन की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित मानव संसाधन की मांग बढ़ रही है, जिसे देखते हुए हर जिले में कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने प्रशिक्षण प्रदाताओं से आह्वान किया कि वे गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान कर युवाओं का भविष्य निर्माण करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षण प्रदाताओं को प्रोत्साहित किया जाए तथा कमजोर प्रदर्शन करने वाले प्रदाताओं के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास डॉ. हरि ओम ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विशाल जनसंख्या को देखते हुए युवाओं को व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने, प्रशिक्षणार्थियों से फीडबैक लेने और कौशल विकास मिशन तथा आईटीआई के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक अभिषेक सिंह ने कहा कि यह कार्यशाला विभाग के अधिकारियों, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (PIA), प्रशिक्षण भागीदारों (TP) और अन्य कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आयोजित की गई है। कार्यशाला में आपसी संवाद के माध्यम से जमीनी स्तर की समस्याओं का समाधान खोजा जाएगा।
कार्यशाला के पहले दिन आयोजित तकनीकी सत्रों में परियोजना प्रारंभ, प्रशिक्षण केंद्र संचालन, अभ्यर्थी प्रबंधन (कौशल पंजी और कौशल भारत पोर्टल के माध्यम से), हेल्पडेस्क, निरीक्षण, ऑन-जॉब ट्रेनिंग, मूल्यांकन, वित्तीय प्रबंधन मॉड्यूल, PFMS, नियोजन एवं प्लेसमेंट प्रबंधन तथा DDU-GKY 2.0 की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त एक इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन भी किया गया।
कार्यशाला के दूसरे दिन भी इन्हीं तकनीकी सत्रों की पुनरावृत्ति कर सहभागियों को गहन जानकारी दी जाएगी। इस दौरान फील्ड स्तर पर आने वाली व्यावहारिक समस्याओं पर चर्चा की जाएगी और ओपन फीडबैक सत्र में सुझाव लिए जाएंगे। इसके अलावा राज्य स्तरीय PFMS नोडल टीम द्वारा वित्तीय प्रबंधन एवं प्लेसमेंट मॉड्यूल पर विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
कार्यशाला में निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन नेहा प्रकाश, अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह सहित विभाग के अधिकारी, PIA और TP प्रतिनिधि उपस्थित रहे।