सीएम योगी की बेहतर कानून व्यवस्था के कारण यूपी बना उद्योगों की पहली पसंद

सीएम योगी की बेहतर कानून व्यवस्था के कारण यूपी बना उद्योगों की पहली पसंद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत कानून व्यवस्था, औद्योगिक नीतियों और निवेशकों के अनुकूल वातावरण के चलते देश की दिग्गज कंपनियां अब प्रदेश का रुख कर रही हैं। सिर्फ राम सनेही घाट औद्योगिक हब, बाराबंकी की ही बात करें तो यहां देश की कई प्रमुख कंपनियां आगे आई हैं, जिससे प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को भेजे गए प्रस्तावों के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियों ने यूपी में अपने नए कारोबार की नींव रखने का निर्णय लिया है। इनमें हैंडलूम, एग्री बिजनेस, बॉटलिंग, सीमेंट, टेलीकॉम और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर प्रमुख हैं।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने मुख्यमंत्री योगी की बेहतर कानून व्यवस्था को व्यापार के लिए काफी अनुकूल बताया है। आईआईए अयोध्या मंडल के अध्यक्ष प्रमित कुमार सिंह ने बताया कि गणपति एग्री बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड ने राम सनेही घाट में 25 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए रुचि जताई है। कंपनी 102 करोड़ रुपए से चावल भूसी तेल निष्कर्षण और रिफाइनरी परियोजना शुरू करेगी, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।त्रिवेणी आलमारी प्राइवेट लिमिटेड ने 40 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक आलमारी विनिर्माण संयंत्र लगाने का प्रस्ताव दिया है। 250 करोड़ की लागत से लगने वाले प्रोजेक्ट से रोजगार के 1,000 प्रत्यक्ष और 6,000 अप्रत्यक्ष अवसर मिलेंगे।

सिंघानिया सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड भी 200 करोड़ के निवेश से 25 एकड़ क्षेत्र में सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट की स्थापना करने जा रही है। इससे रोजगार के 300 प्रत्यक्ष और 2,000 अप्रत्यक्ष अवसर उपलब्ध होंगे। आरके. हैंडलूम एसेसरीज प्राइवेट लिमिटेड ने स्टॉल, स्कार्फ और गारमेंट्स से संबंधित उत्पादन के विस्तार के लिए 30,000 स्क्वायर मीटर भूमि की मांग की है। यह कार्य होने पर 300 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।शालीमार ग्रुप की दो कंपनियां (शालीमार कंक्रीट प्रोडक्ट्स और शालीमार वाटर टैंक) 25-25 एकड़ भूमि पर दूरसंचार परियोजना संयंत्र और बॉटलिंग प्लांट लगाएंगी। प्रत्येक प्लांट से 225 प्रत्यक्ष और 1,000 अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। राजस्थान लिकर लिमिटेड भी 40 एकड़ भूमि पर 400 करोड़ के पूंजीगत व्यय से 200 किलो लीटर प्रतिदिन (केएलपीडी) अनाज आधारित डिस्टिलरी और बॉटलिंग प्लांट की स्थापना करेगी। इससे करीब 2,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

औद्योगिक विकास विभाग के अनुसार, किसी भी उद्योग के लिए मजबूत कानून व्यवस्था सबसे जरूरी होती है। ऐसा वातावरण जहां कानून व्यवस्था दुरुस्त हो, ताकि निवेशक अपनी क्षमता के आधार पर आगे बढ़ सकें। ऐसा वातावरण देने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।आईआईए के अनुसार, सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में नई ऊंचाई की ओर अग्रसर है, जहां हर युवा को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और राज्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाएगा।

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