महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवादों में चल रहे केरल के सबरीमाला मंदिर के द्वार शुक्रवार शाम को फिर खुल रहे हैं. वहीं सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए आज (16 नवंबर) भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई भी कोच्चि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंच गई हैं. लेकिन एयरपोर्ट के बाहर उनका भारी विरोध हो रहा है. बड़ी संख्या बाहर जुटे प्रदर्शनकारी उन्हें एयरपोर्ट से बाहर न निकलने देने के लिए अड़े हैं. इसके चलते इलाके में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है.
तृप्ति देसाई ने भी केरल के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा है. एयरपोर्ट से बाहर न निकल पाने पर तृप्ति देसाई ने एयरपोर्ट के अंदर ही साथियों संग बैठकर सुबह का नाश्ता किया. वहीं सबरीमाला मंदिर के द्वार खुलने को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. साथ ही निलक्कल, पांबा और सन्नीधनम में धारा 144 लगा दी गई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश के बाद मंदिर तीसरी बार शुक्रवार शाम को खुलेगा. शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद कोई भी महिला श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते मंदिर में अब तक नहीं जा पाई हैं.
उधर एयरपोर्ट के बाहर मौजूद बीजेपी नेता एमएन गोपी ने भी देसाई का विरोध किया है. उन्होंने कहा ‘हम तृप्ति देसाई को पुलिस या अन्य सरकारी वाहन में एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे. एयरपोर्ट में मौजूद टैक्सी भी उन्हें नहीं ले जाएंगी. अगर वह जाना चाहें तो निजी वाहन से जा सकती हैं.
शनि शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह, महालक्ष्मी मंदिर और त्र्यम्बकेश्वर शिव मंदिर समेत कई धार्मिक सथानों पर महिलाओं को प्रवेश देने के अभियान का नेतृत्व करने वाली देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को ई-मेल लिखकर सुरक्षा मांगी थी क्योंकि उन्हें मंदिर जाने के दौरान हमले का डर था. उन्होंने कहा, ‘‘हम सबरीमला मंदिर में दर्शन किये बिना महाराष्ट्र नहीं लौटेंगे. हमें सरकार पर भरोसा है कि वह हमें सुरक्षा मुहैया कराएगी.’’
वहीं कोच्चि एयरपोर्ट पहुंचने से पहले तृप्ति देसाई ने विमान में कहा था ‘प्रदर्शनकारियों को हिंसा नहीं करनी चाहिए. जब हम कोच्चि पहुंचेंगे तो वहां हमें मुहैया कराई गई सुरक्षा का आकलन करेंगे.’
उनका कहना है कि राज्य सरकार अगर हमें जरूरी सुरक्षा नहीं भी मुहैया कराएगी तो भी हम सबरीमाला मंदिर जाएंगे. लेकिन हम पर हमला हो सकता है. मुझे कई बार हमले की धमकी मिली है.
वहीं केरल में गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक उच्च्तम न्यायालय के फैसले पर जारी गतिरोध को समाप्त करने में विफल रही है जिसने सबरीमला मंदिर में माहवारी उम्र की महिलाओं को प्रवेश पर पाबंदी हटा दी है. दो महीने तक चलने वाले वार्षिक तीर्थाटन सीजन के लिए मंदिर खुलने से एक दिन पहले वहां अप्रत्याशित सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि अदालती फैसले पर फिर से प्रदर्शन की आशंका के बीच बृहस्पतिवार की अर्धरात्रि से एक हफ्ते तक सबरीमाला में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी.