भगवा ऐप लॉन्च पर कैलाश खेर का दर्द छलका है उन्होंने आज के म्यूजिक इंडस्ट्री पर सवाल उठाए हैं. सिंगर ने और क्या कुछ कहा जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर
प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने दिल्ली में हुए भगवा ऐप के लॉन्च इवेंट में आज के दौर के संगीत पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि आजकल के गानों में न तो आत्मा बची है और न ही कोई गहराई. कैलाश खेर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि असली संगीत समय मांगता है, लेकिन आजकल सब कुछ जल्दबाजी में हो रहा है.
‘आज का संगीत फास्ट फूड बन गया है’
कैलाश खेर ने कहा कि जैसे फास्ट फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं होता, वैसे ही फास्ट म्यूजिक आत्मा के लिए अच्छा नहीं होता. उन्होंने कहा, ‘शांति कभी जल्दी नहीं आती है. जो भी चीज जल्दी में मिलती है वह टिकाऊ नहीं होती. आज के गाने सुनते हैं तो लगता है कि बस शोर है, भावना नहीं.’
‘संगीत साधना है, मनोरंजन नहीं’
अपने संबोधन में कैलाश खेर ने जोर देते हुए कहा कि संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं है बल्कि साधना है. उन्होंने कहा कि कलाकारों को चाहिए कि वे समय लें, गानों में गहराई और अर्थ डालें. ‘संगीत आत्मा से आता है और आत्मा तक पहुंचता है. अगर उसमें भावना नहीं है, तो वह सिर्फ शोर रह जाता है.’
भगवा ऐप के जरिए भारतीय संस्कृति का विस्तार
भगवा ऐप को भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और आत्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है. कैलाश खेर ने इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म आज की पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का जरिया बन सकते हैं.
कैलाश खेर बोले- तकनीक के इस दौर में संस्कृति बचाना बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि आज जब हर चीज डिजिटल हो रही है, तब हमारी संस्कृति और असली संगीत को जिंदा रखना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. उन्होंने कहा कि भगवा ऐप जैसे प्रोजेक्ट्स हमें यह याद दिलाते हैं कि हमारी जड़ें कितनी समृद्ध हैं और हमें इन्हें संभालकर रखना है.
फैंस कर रहे तारीफ
कैलाश खेर के इस बयान पर सोशल मीडिया पर भी जोरदार प्रतिक्रिया आ रही है. लोग कह रहे हैं कि आज के कलाकारों को भी इस बात पर गंभीरता से सोचना चाहिए कि वह म्यूजिक बना रहे हैं या बस शोर फैला रहे हैं