आईएएनएस से बातचीत में जगदंबिका पाल ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री हैं और हर नागरिक की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। उन्होंने कहा, “आज मुर्शिदाबाद में जो हालात हैं, वे 1947 जैसे हैं। हिंदू परिवार नदी पार कर नाव से पलायन कर रहे हैं और राज्य सरकार, पुलिस कुछ नहीं कर रही। एक पिता और पुत्र को खींचकर मार दिया गया, लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि पीड़ित परिवार से मिलने नहीं गया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री ही लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं, जिससे मुर्शिदाबाद पिछले एक हफ्ते से जल रहा है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर वहां पैरामिलिट्री फोर्स तैनात करनी पड़ी, जो बताता है कि राज्य की शासन व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया और हाईकोर्ट के निर्देश पर पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई। इससे साफ है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से चरमराया हुआ है। ऐसे हालात में वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए।
पाल ने विपक्षी दलों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर सवाल उठाने को लेकर भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा ईडी को खत्म करने की मांग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा है। उन्होंने नेहरू द्वारा शुरू की गई एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति को यंग इंडिया ट्रस्ट में ट्रांसफर किए जाने को लेकर राहुल और सोनिया गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और कहा कि दो हजार करोड़ की संपत्ति को निजी संस्था में ट्रांसफर करना एक बड़ा भ्रष्टाचार है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा पर भी हमला करते हुए कहा कि किसान से कौड़ियों के भाव में जमीन लेकर, लैंड यूज बदलवाकर महंगे दामों में बेचना और उससे हुई मनी लॉन्ड्रिंग पर अगर कार्रवाई होती है, तो विपक्ष उसे बंद कराना चाहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष चाहता है कि विपक्षी नेता भ्रष्टाचार करें और जांच एजेंसियां निष्क्रिय रहें।