मध्य प्रदेश में चुनावी गहमागहमी के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के ताजा बयान से एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल इस बार कांग्रेस की तरफ से कम महिला प्रत्याशियों को टिकट देने के बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, ”हमने उन सभी महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है जो चुनाव जीत सकती हैं. केवल कोटा और सजावट के लिए…हमने इस रास्ते को नहीं चुना.” कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी ने ऐतराज जताते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है.
इस बीच कांग्रेस के घोषणापत्र में सरकारी दफ्तरों में संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर इस चुनावी सीजन में कांग्रेस और बीजेपी लगातार एक-दूसरे के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं. शनिवार को जारी अपने ‘वचन पत्र’ में कांग्रेस ने कहा था, ‘‘यदि प्रदेश में उसकी सरकार आती है तो वह शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखायें लगाने पर प्रतिबंध लगायेंगे तथा शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे.’’ इसके एक दिन बाद रविवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा एवं मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाकर दिखाएं.
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाएं राज्य के सरकारी दफ्तरों में लगती रहेंगी और कर्मचारियों के इसमें शामिल होने पर कोई पाबंदी नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी आरएसएस पर बैन नहीं लगा सकता.
आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही: कमलनाथ
इस मुद्दे पर सफाई देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन पहले जारी अपने ‘वचन पत्र’ में पार्टी ने, या उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही और न ही इस तरह की उनकी कोई मंशा है. कमलनाथ ने कहा कि भाजपा जानबूझकर इस तरह के मुद्दों को हवा देकर जनता को भ्रमित करना चाहती है, ताकि हमारे ‘वचन पत्र’ के जनहितैषी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने कभी नहीं कहा कि हम आरएसएस पर प्रतिबंध लगाएंगे. न हमारी ऐसी मंशा है. मैंने या कांग्रेस पार्टी ने कभी नहीं कहा कि हम आरएसएस पर प्रतिबंध लगायेंगे.’’ कमलनाथ ने कहा, ‘‘सरकारी स्थानों को छोड़कर आरएसएस को शाखाएं लगाने की पूरी छूट है.’’ 28 नवंबर को मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं.