पटना : पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता और बिहार बार कॉउन्सिल के पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र प्रसाद सिंह, जिन्हें लोग प्यार से राजेन्द्र बाबू कहते थे ,का सोमवार की मध्य रात्रि में पटना के उदयन अस्पताल में निधन हो गया।वकीलों के बीच राजेन्द्र बाबू के नाम से मशहूर रहे श्री सिंह पटना हाई कोर्ट में करीब 5 दशकों से वकालत कर रहे थे।एक जाने-माने कानूनविद थे वे। पिछले तीन दशकों से लोग उन्होंने बतौर सर्विस लॉ के विशेषज्ञ वकील के रूप में जानते थे। बिहार व झारखण्ड में इनकी एक अलग पहचान थी।राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने वर्ष 1967 से पटना हाई कोर्ट में वकालत की शुरुआत की थी।उनके सीनियर प्रभा शंकर मिश्र देश के जाने माने विधिवेत्ता तथा पटना हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश भी रह चुके हैं। राजेन्द्र बाबू ने खुद को संवैधानिक मामलों केअलावा सर्विस लॉ के क्षेत्र में खुद को एक प्रतिष्ठित एडवोकेट के रूप में प्रस्थापित किया था।
वे पटना हाईकोर्ट में लायर्स एसोसिएशन के चुनाव में 5 बार से अधिक समय तक अध्यक्ष के पद पर चुने गए थे।वे बिहार राज्य बार काउंसिल के चुनावों में लगातार तीन बार बतौर सदस्य निर्वाचित हुए। वे लगातार दो बार बिहार राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष भी रह चुके थे तथा वर्तमान में बिहार बार कॉउन्सिल के सदस्य थे।राजेन्द्र प्रसाद सिंह के निधन से पूरे बिहार व झारखण्ड के वकीलों में शोक की लहर दौड़ गयी है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमैन और उच्चतम न्यायालय के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्र ने कहा कि राजेंद्र बाबू के निधन से बिहार के अधिवक्ताओं ने एक जाने माने विधिवेत्ता खो दिया है जिसकी भरपाई संभव नहींं है। बिहार के महाधिवक्ता और बिहार बार कॉउन्सिल के चेयर मैन ललित किशोर, पटना हाईकोर्ट के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस डी संजय, बिहार बार कौंसिल के सदस्य कामेश्वर पाण्डेय, प्रेम नाथ ओझा, सुदामा राय, प्रेम कुमार झा, मुरारी कुमार हिमांशु, राजीव द्विवेदी, सचिदानंद सिंह, जय प्रकाश सिंह, पंकज कुमार तथा उच्चतम न्यायालय के अधिवक्त राजेश कुमार सिंह ने राजेन्द्र बाबू के निधन पर शोक जताया है।