सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की तलाश पूरी न होने पर नाराजगी जताई है. बिहार पुलिस ने कोर्ट में बताया कि वह अब तक मंजू वर्मा का कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है, इसपर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि एक पूर्व मंत्री गायब है और एक महीने से किसी को उनकी कोई खोज-खबर नहीं है. वर्मा के घर से सीबीआई रेड के दौरान हथियार बरामद हुए थे, जिसके बाद से वो फरार चल रहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदल बी लोकुर ने बिहार पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, ‘बहुत अच्छे, कैबिनेट मंत्री फरार है, बहुत अच्छे!’ जस्टिस ने कहा कि आपको इस मामले की गंभीरता का अंदाजा है कि एक कैबिनेट मंत्री अब तक पुलिस की पहुंच से बाहर है, अब बहुत हो गया. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बिहार के डीजीपी को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश रहने के निर्देश भी दिए हैं.
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख तय की है. साथ ही कोर्ट ने बिहार के मुख्य सचिव को समन करते हुए उन्हें पेश होने के लिए कहा है. कोर्ट ने मुख्य सचिव से इस पूरे मामले में लापरवाही पर भी जवाब मांगा है.
क्या है पूरा मामला
बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के यौन शोषण मामले की जांच कर रही सीबीआई द्वारा पूर्व मंत्री के बेगूसराय जिला स्थित आवास पर बीते 17 अगस्त को छापेमारी के दौरान उनके घर से अवैध हथियार के साथ 50 कारतूस बरामद किए थे. इस मामले में सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमेश कुमार के आवेदन पर चेरिया बरियारपुर थाना में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ IPC की धारा 25(1)ए, 26 एवं 35 के तहत कांड संख्या 143/18 दर्ज की गई थी.
बालिका गृह के संचालक और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का करीबी बताया जा रहा है. इस पूरे मामले के बाद मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके अलावा बीते दिनों वर्मा बिहार की कोर्ट में संरक्षण लेने के लिए भी गईं थीं. उनपर आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है