संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंध खराब चल रहे हैं। तनाव का दौर तब शुरू हुआ जब ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली अमेरिकी वित्तीय सहायता में कटौती का फैसला किया।
ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका की भूमि नीति और वाशिंगटन के सहयोगी इजरायल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उसके नरसंहार केस से नाराज हैं।
रुबियो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत का अब हमारे महान देश में स्वागत नहीं है। हमारे पास उनके साथ चर्चा करने के लिए कुछ भी नहीं है और इसलिए उन्हें अवांछित व्यक्ति माना जाता है।
रुबियो ने दक्षिणपंथी वेबसाइट ब्रेइटबार्ट के एक लेख को दोबारा पोस्ट किया, जिसमें राजदूत इब्राहिम रसूल के हवाले से कहा गया था कि ट्रंप एक श्वेत वर्चस्ववादी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति कार्यालय ने शनिवार को एक बयान में रसूल के निष्कासन को अफसोसनाक बताया। हालांकि इसने कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सहयोग विभाग के प्रवक्ता क्रिसपिन फिरी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सरकार राजनयिक चैनल के माध्यम से बातचीत करेगी।
रसूल ने अपना कार्यकाल 13 जनवरी को तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन के समक्ष अपने परिचय पत्र प्रस्तुत करके शुरू किया था। यह ट्रंप के पदभार ग्रहण करने से एक सप्ताह पहले की बात है। वाशिंगटन में रसूल का यह दूसरा कार्यकाल था।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि रसूल के फिलीस्तीन समर्थक विचार और इजरायल की आलोचना उन्हें निष्कासित किए जाने का कारण हो सकती हैं।