क्या है पूरा मामला?
हाल ही में जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने कहा कि ‘एक सच्चे मुसलमान को रोज़ा रखना चाहिए’ और इस्लामिक नियमों का पालन करना चाहिए. उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. कई लोगों ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बताया और आलोचना की.
जावेद अख्तर का जवाब
जावेद अख्तर ने इस बयान को पिछड़ी सोच करार देते हुए कहा कि ‘हर व्यक्ति को अपनी मर्जी से जीने की आज़ादी होनी चाहिए। धर्म को किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि “खिलाड़ियों पर इस तरह का धार्मिक दबाव डालना गलत है.’
सोशल मीडिया पर बहस तेज
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कई लोगों ने शमी के समर्थन में ट्वीट किए और कहा कि ‘धर्म व्यक्तिगत मामला है, इसे किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए.’ वहीं, कुछ कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष का समर्थन किया.
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
मोहम्मद शमी पर दिए गए इस बयान के बाद क्रिकेट जगत से भी प्रतिक्रिया आई. कई पूर्व क्रिकेटरों ने कहा कि ‘खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर आंका जाना चाहिए, न कि उनकी धार्मिक मान्यताओं पर.’