म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 16 वर्षों में एयूएम में भारी वृद्धि दर्ज की : एएमएफआई रिपोर्ट

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) में शानदार वृद्धि दर्ज की है, जो मई 2008 में 5.89 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2024 में 53.4 लाख करोड़ रुपये तक हो गई। एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) और क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरेलू बचत में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021 में 7.6 प्रतिशत से वित्त वर्ष 2023 में 8.4 प्रतिशत तक हो गई है। यह वृद्धि इंडस्ट्री की बढ़ती महत्ता और निवेशकों द्वारा इसमें रखे गए विश्वास का प्रमाण है।

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने भारतीय परिवारों और निवेशकों को देश की विकास कहानी का हिस्सा बनने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वेल्थ क्रिएशन और फाइनेंशियल इंक्लूजन के लिए एक मंच उपलब्ध हुआ है।

शेयर बाजार में जारी अस्थिरता के बावजूद जनवरी में सभी ओपन-एंडेड स्कीम के लिए एयूएम 0.49 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 66.98 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

एएमएफआई की रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंड ने निवेशकों के लिए मामूली निवेश के साथ भी अनुभवी पेशेवरों द्वारा मैनेज किए जाने वाले डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो से लाभ उठाना संभव बना दिया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इंडस्ट्री ने डिजिटल लेनदेन में शानदार वृद्धि देखी है, वित्त वर्ष 2024 में सभी म्यूचुअल फंड खरीद का लगभग 90 प्रतिशत डिजिटल चैनलों के माध्यम से किया गया है।

नियामक, सेबी ने म्यूचुअल फंड लैंडस्केप की इंटीग्रिटी और स्टेबिलिटी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एएमएफआई के अध्यक्ष नवनीत मुनोत के अनुसार, नियामक ढांचे ने न केवल निवेशकों की सुरक्षा में मदद की है, बल्कि फंड प्रबंधकों को जवाबदेही और परिचालन के उच्च मानकों का पालन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया है।

उन्होंने कहा, सेबी ने विश्वसनीय निवेश साधनों के रूप में म्यूचुअल फंड की विश्वसनीयता को मजबूत किया है, जिससे यह सेवानिवृत्ति, आवास, बच्चों की शिक्षा और लंबे समय के लिए वेल्थ क्रिएशन जैसे महत्वपूर्ण जीवन लक्ष्यों की योजना बनाने वाले निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प बन गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि खुदरा निवेशकों ने पूंजी बाजारों को स्थिरता प्रदान करने और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला निवेशक अब व्यक्तिगत निवेशकों का 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं और कुल एयूएम का 33 प्रतिशत हिस्सा रखती हैं।

 

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