कानपुर। कभी-कभी जीवन में कुछ ‘हादसे’ ऐसे हो जाते हैं, जो कभी भुलाए नहीं भूलते। इन्हीं हादसों में मनुष्यता की असल पहचान होती है। देश में आमतौर पर गाहे-बगाहे पुलिसवालों की निर्दयता के किस्से सुर्खी बनते रहते हैं। मगर हर जगह की पुलिस ऐसी नहीं होती। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुई एक सड़क दुर्घटना में मौके पर पहुंचे अकबरपुर थाने के कर्मचारियों ने यह बात साबित कर दी। यह अलग बात है कि उनकी यह दयालुता प्रमुख अखबारों और टेलीविजन चैनलों में जगह नहीं पा सकी।
कानपुर देहात पुलिस की 24 फरवरी की शाम की गई एक्स पोस्ट के अनुसार वाकया यूं हैं-सुबह सात बजे सूचना मिलती है कि अकबरपुर से कानपुर के बीच हाइवे पर आनंदेश्वर कोल्ड स्टोरेज के सामने टैक्सी (अर्टिगा कार पंजीयन संख्या यूपी79एसटी5232) दुर्घटनागस्त हो गई है। अकबरपुर थाना पुलिस के ड्यूटी पर मुश्तैद कर्मचारी अपने क्षेत्र में हादसे की सूचना पाकर बिना समय गंवाए मौके पर पहुंचते हैं।
पुलिस जवान टैक्सी ड्राइवर से हादसे का कारण पूछते हैं। वह ईमानदारी से स्वीकार कर लेता है कि उसे नींद लग गई थी। इस पर पुलिस उससे और यात्रियों से कार्रवाई के लिए दरख्वास्त मांगती है। टैक्सी के यात्री कहते हैं कि हमें कोई कार्रवाई नहीं करनी। टैक्सी इस लायक नहीं बची थी कि उससे अधिक दूर जाया जा सके। सो, अकबरपुर पुलिस एक दूसरी गाड़ी मंगवाकर यात्रियों को उनके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था करती है। दूसरी गाड़ी के मौके पर पहुंचने के अंतराल में दुर्घटनाग्रस्त टैक्सी के यात्री मदद के लिए पहुंचे पुलिस कर्मचारियों की खूब प्रशंसा करते हैं। उनकी तरक्की और परिवारवालों की खुशी की प्रार्थना भी की।