क्या है ‘ओबेसिटी’? जिसका जिक्र कर पीएम मोदी ने देशवासियों को दिया नया चैलेंज

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में ‘ओबेसिटी यानी मोटापे’ पर चर्चा की। उन्होंने फिट और हेल्दी नेशन बनाने के लिए ‘ओबेसिटी’ की समस्या से निपटने पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ को संबोधित करते हुए कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, देहरादून में नेशनल गेम्स की ओपनिंग के दौरान मैंने एक बहुत ही अहम विषय उठाया है, जिसने देश में एक नई चर्चा की शुरुआत की है। ये विषय है ‘ओबेसिटी यानि मोटापा’। एक फिट और हेल्दी नेशन बनने के लिए हमें ओबेसिटी की समस्या से निपटना ही होगा। एक स्टडी के मुताबिक, आज हर आठ में से एक व्यक्ति ओबेसिटी की समस्या से परेशान है।

प्रधानमंत्री ने ओबेसिटी की समस्या से छुटकारा पाने का एक मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा, बीते वर्षों में ओबेसिटी के मामले दोगुने हो गए हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुणा बढ़ गई है। डब्ल्यूएचओ का डाटा बताता है कि 2022 में दुनिया भर में करीब ढाई सौ करोड़ लोग ओवरवेट थे, यानि आवश्यकता से भी कहीं ज्यादा वजन था। ये आंकड़े बेहद गंभीर हैं और हम सभी को सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? अधिक वजन या मोटापा कई तरह की परेशानियों और बीमारियों को भी जन्म देता है।

उन्होंने आगे कहा, हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं, जैसे एक तरीका मैंने सुझाया था कि ‘खाने के तेल में दस प्रतिशत (10) की कमी करना’। आप तय कर लीजिए कि हर महीने 10 प्रतिशत कम तेल उपयोग करेंगे। आप तय कर सकते हैं कि जो तेल खाने के लिए खरीदा जाता है, खरीदते समय ही अब 10 प्रतिशत कम ही खरीदेंगे। ये ओबेसिटी कम करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।

पीएम मोदी ने नीरज चोपड़ा और निखत जरीन के स्पेशल मैसेज को भी शेयर किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज मन की बात में इस विषय पर कुछ स्पेशल मैसेज भी आप लोगों से शेयर करना चाहता हूं। शुरुआत ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा से करते हैं, जिन्होंने खुद सफलतापूर्वक ओबेसिटी पर काबू पाकर दिखाया है।

नीरज चोपड़ा ने ओबेसिटी पर बात करते हुए कहा, आज आप सभी को बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में इस बार ओबेसिटी के बारे में चर्चा की है, जो हमारे देश के लिए बहुत ही अहम मुद्दा है और मैं कहीं न कहीं इस बात को खुद से भी रिलेट करता हूं, क्योंकि जब मैंने ग्राउंड पर जाना शुरू किया था तो उस टाइम में, मुझमें भी काफी मोटापा था और जब मैंने ट्रेनिंग शुरू की और अच्छा खाना स्टार्ट किया तो काफी हेल्थ में सुधार आया और उसके बाद जब मैं एक प्रोफेशनल एथलीट बन गया तो उसमें भी मुझे काफी मदद मिली।

चोपड़ा ने आगे कहा, मैं बताना चाहूंगा कि जो पैरेंट्स हैं, वो खुद भी कोई न कोई आउटडोर स्पोर्ट्स खेलें और अपने बच्चों को भी लेकर जाएं और एक अच्छा हेल्दी लाइफ स्टाइल बनाएं, अच्छा खाएं और अपने शरीर को एक घंटा या जितना भी समय मिलें, उसमें एक्सरसाइज करें। साथ ही खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल को 10 प्रतिशत तक कम करें, क्योंकि कई बार हम काफी तली हुई चीजें खा लेते हैं, जिससे ओबेसिटी पर काफी असर पड़ता है। मैं सभी को कहना चाहूंगा कि इन चीजों से बचें और अपनी हेल्थ का ध्यान रखें।

बॉक्सर निखत जरीन ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में ओबेसिटी को लेकर जिक्र किया है और मुझे लगता है कि यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है, हमें अपनी हेल्थ को लेकर गंभीर होना चाहिए। हमारे इंडिया में मोटापा जितनी जल्दी से फैल रहा है, उसको हमें रोकना चाहिए और कोशिश यही करनी चाहिए कि हम जितना हो सके हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाएं। मैं खुद एक एथलीट होकर कोशिश करती हूं कि मैं हेल्दी डाइट को फॉलो करूं। अगर मैंने गलती से भी अनहेल्दी डाइट ले ली या तेल वाली चीजें खा लीं तो उसकी वजह से मेरे परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है।

उन्होंने कहा, मैं रिंग में जल्दी थक जाती हूं, इसलिए मैं कोशिश यही करती हूं कि मैं जितना हो सके खाने योग्य तेल जैसी चीजों का कम इस्तेमाल करूं और उसकी जगह हेल्दी डाइट फॉलो करूं। साथ ही रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करूं, जिसकी वजह से मैं हमेशा फिट रहती हूं। मुझे लगता है कि सभी लोगों को अपनी हेल्थ को लेकर गंभीर होना चाहिए और कुछ न कुछ रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए, जिसकी वजह से हम हार्ट अटैक और कैंसर जैसे बीमारियों से दूर रहें और अपने आप को फिट रखें, क्योंकि हम फिट तो इंडिया फिट।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के दौरान कहा, खाने में तेल का कम उपयोग और ओबेसिटी से निपटना यह केवल पर्सनल च्वाइस नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खान-पान में तेल का अधिक इस्तेमाल हृदय रोग, डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी ढेर सारी बीमारियों की वजह बन सकता है। अपने खान-पान में छोटे-छोटे बदलाव करके, हम, हमारे भविष्य को अधिक मजबूत, स्वस्थ और रोगमुक्त बना सकते हैं, इसलिए हमें बिना देर किए इस दिशा में प्रयास बढ़ाने होंगे। साथ ही इसे अपने जीवन में उतारना होगा। हम सब मिलकर इसे खेल-खेल में बहुत प्रभावी रूप से कर सकते हैं। जैसे, मैं आज मन की बात के इस एपिसोड के बाद 10 लोगों को आग्रह और चैलेंज करूंगा कि क्या वो अपने खाने में तेल को 10 प्रतिशत कम कर सकते हैं? और साथ ही उनसे ये आग्रह भी करूंगा कि वो आगे नए 10 लोगों को ऐसा ही चैलेंज दें। मुझे विश्वास है कि इससे ओबेसिटी से लड़ने में बहुत मदद मिलेगी।

 

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