20वीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं में शुमार प्रथम विश्व युद्ध के खत्म होने के आज 100 साल पूरे हो रहे हैं. 1914 में शुरू हुआ प्रथम विश्व युद्ध 11 नवंबर, 1918 को समाप्त हुआ था. अंग्रेजी राज के दौर में भारतीय ब्रिटिश सैनिकों ने उस युद्ध में अप्रतिम साहस का परिचय देते हुए दुनिया के कई मुल्कों में अपनी सेवाएं दी थीं. इस कारण फ्रांस, ब्रिटेन समेत कई देशों ने अपना आभार प्रकट करते हुए उनकी याद में कई युद्ध स्मारक बनाए हैं.
इस कड़ी में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को प्रथम विश्वयुद्ध में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले हजारों भारतीय सैनिकों की याद में उत्तरी फ्रांस में भारत द्वारा निर्मित पहले युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने विलर्स गुसलेन में भारतीय युद्ध स्मारक के उद्घाटन के मौके पर फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों और बच्चों के साथ भी बातचीत की.
नायडू ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘फ्रांस के विलर्स गुसलेन शहर में आज भारतीय सशस्त्र बलों के स्मारक का उद्घाटन कर बेहद खुश हूं. यह उन हजारों भारतीय सैनिकों को महान सम्मान हैं जिनकी बहादुरी और समर्पण ने दुनिया भर में प्रशंसा बटोरी.’’ देश की स्वतंत्रता के बाद भारत द्वारा फ्रांस में निर्मित यह अपनी तरह का पहला स्मारक है. इस स्मारक के निर्माण की घोषणा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा जून 2018 में पेरिस के अपने पिछले दौर के दौरान की गई थी. भारत प्रथम विश्वयुद्ध में सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में एक था.
उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के शताब्दी समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए शुक्रवार को तीन दिवसीय पेरिस यात्रा पर गए हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार इस शताब्दी समारोह में 50 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों या उनके प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है. रविवार को उपराष्ट्रपति आर्क डि ट्रायोम्फी में प्रथम विश्वयुद्ध समाप्ति के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेंगे. उसकी अध्यक्षता फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों करेंगे.
भारतीय सैनिकों के सम्मान में ब्रिटेन में नई प्रतिमा का अनावरण
इसी तरह इंग्लैण्ड में वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र के स्मेथविक शहर में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लड़ाई लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में पिछले रविवार को एक नई प्रतिमा का अनावरण किया गया. गुरु नानक गुरुद्वारा स्मेथविक ने ‘लायंस ऑफ द ग्रेट वार’ नामक स्मारक बनवाया है जिसमें एक पगड़धारी सिख सैनिक नजर आ रहा है. यह स्मारक ब्रिटेन के लिए विश्व युद्धों और अन्य संघर्षों में ब्रिटिश भारतीय सेना का हिस्सा रहे सभी धर्मों के लाखों दक्षिण एशियाई सैनिकों के बलिदान के सम्मान में बनाया गया है.
गुरु नानक गुरुद्वारा स्मेथविक के अध्यक्ष जतिंदर सिंह ने कहा, ‘‘हम स्मेथिवक हाई स्ट्रीट पर बलिदान देने वाले उन सभी बहादुर व्यक्तियों के सम्मान में यह स्मारक बनाकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं जिन्होंने हजारों मीलों की दूरी तय कर एक ऐसे ऐसे देश के लिए लड़ाई की जो उनका अपना देश नहीं था.’’ स्मेथविक हाई स्ट्रीट पर प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति की 100वीं सालगिरह के अवसर पर 10 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया. प्रथम विश्व युद्ध को ग्रेट वार के नाम से भी जाना जाता है.