नए अंदाज में होगी ‘परीक्षा पे चर्चा’, पीएम मोदी समेत सिनेमा और खेल जगत के दिग्गज भी देंगे छात्रों को टिप्स

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में 10 फरवरी को होने वाली परीक्षा पर चर्चा के लिए छात्र भी बेहद उत्साहित हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी), परीक्षा से जुड़े तनाव को सीखने के उत्सव में बदलने की पहल है। इसके 8वें संस्करण में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। वर्ष 2018 में परीक्षा पे चर्चा एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है, जिसने वर्ष 2025 में अपने 8वें संस्करण के लिए 3.56 करोड़ पंजीकरण प्राप्त किए हैं। ये 7वें संस्करण में 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए थे, जो 1.3 करोड़ पंजीकरणों की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। परीक्षा पे चर्चा न केवल एक लोकप्रिय कार्यक्रम बन गया है, बल्कि यह एक जन आंदोलन में भी बदल गया है। यह पूरे देश में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ गहराई से जुड़ गया है। परीक्षा के तनाव को दूर करने और छात्रों को परीक्षाओं को एक त्योहार – उत्सव के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

परीक्षा पे चर्चा में अधिकतम भागीदारी मानसिक सेहत और समग्र शिक्षा के महत्व के बारे में बढ़ती जागरूकता और स्वीकृति को दर्शाती है। कार्यक्रम का इंटरैक्टिव प्रारूप, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और प्रधान मंत्री के बीच खुला संवाद शामिल है, ने इसकी सफलता में और योगदान दिया है। परीक्षा पे चर्चा को जन आंदोलन के रूप में और मजबूत करने के लिए 12 जनवरी 2025 (राष्ट्रीय युवा दिवस) से 23 जनवरी 2025 (नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती) तक स्कूल स्तर पर कई आकर्षक गतिविधियां आयोजित की गईं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित इन गतिविधियों का उद्देश्य छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को परीक्षा पे चर्चा को एक उत्सव के रूप में मनाने में शामिल करना था। कुल 1.42 करोड़ छात्र, 12.81 लाख शिक्षक और 2.94 लाख स्कूलों ने भाग लिया। ये गतिविधियां तनाव को कम करने, ध्यान केंद्रित करने और परीक्षा के दौरान और उसके बाद प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई थीं।

छात्रों को खो-खो और कबड्डी जैसे स्वदेशी खेलों, छोटी दूरी की मैराथन, रचनात्मक मीम प्रतियोगिता, आकर्षक नुक्कड़ नाटक प्रदर्शनों और आकर्षक पोस्टर बनाने सहित विविध प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्हें छात्र प्रशंसापत्रों के माध्यम से अपने अनुभव साझा करने, छात्र-नेतृत्व वाली चर्चाओं में भाग लेने और विश्राम और मन की शांति विकसित करने के लिए योग और ध्यान सत्रों में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। स्कूलों ने विद्यार्थियों के लिए नाटकों का आयोजन किया, कार्यशालाएं आयोजित कीं तथा अपने विचार साझा करने के लिए विशेष अतिथियों को आमंत्रित भी किया।

 

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