राज्य के सैकड़ों करोड़ के परिवहन घोटाले में लोकायुक्त पुलिस ने तीन आरोपियों, पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके दो सहयोगियों चेतन गौर तथा शरद जायसवाल को गिरफ्तार किया। तीनों को 17 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।
इन आरोपियों की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, चेक पोस्ट घोटाले के आरोपी पकड़े गए हैं। अगर जांच में कहीं यह साबित होता है कि इन्होंने अकेले ही यह घोटाला किया है, तो फिर गहराई में जाने पर यह घोटाला एक गंभीर मसला हो सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है कि घोटाले की जांच कर रही एजेंसियां जांच में लगी हैं, उनकी दक्षता एवं निष्पक्षता पर लोगों को विश्वास है। अब उन जांच एजेंसियों के लिए यह परीक्षा की घड़ी है कि वे यह बात कहीं खत्म कर देते हैं या गहराई में जाकर असली महा-अपराधियों को पकड़कर, प्रमाण जुटाकर उन्हें कठोरतम दंड दिलाते हैं।
ज्ञात हो कि राज्य के परिवहन घोटाले की लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग द्वारा जांच की जा रही है। जांच के दौरान एजेंसियों को एक कार से 52 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले। इसके अलावा ढाई क्विंटल चांदी सौरभ शर्मा के कार्यालय से मिली थी।
उसके बाद सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी हुई, लोकायुक्त की रिमांड पर रहा, मगर लोकायुक्त के हाथ खाली रहे। यह मामला सियासी गलियारों में भी तूल पकड़ रहा है।