शिक्षा अधिकारियों के समक्ष पेश किया गया मामला
हिंदू छात्र के हाथ से कलावा काटने की घटना दक्षिण अफ्रीका की है. क्वाजुलु-नताल प्रदेश के ड्रेकेंसबर्ग सेकेंडरी स्कूल में हुई घटना का हिंदू सगंठन विरोध कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीकी हिंदू महासभा (SAHMS) ने शिक्षा अधिकारियों के सामने मामले को उठाया. उन्होंने कहा है कि छात्रों को स्कूल में सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक पहनने नहीं दिया जा रहा है.
स्कूल के प्रिंसिपल ने अब तक लिखित में नहीं दिया जवाब
SAHMS ने हम मामले की जांच कर रहे हैं लेकिन दिक्कत इस बात की है कि पीड़ित छात्र को डर है कि अगर वह जांच में सहयोग करेगा तो उसे आगे भी परेशान किया जाएगा. SAHMS अध्यक्ष अश्विन त्रिकमजी ने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि छात्र ने हाथ में अंगूठियां और धागे पहने हुए थे. हालांकि, अब तक उन्होंने लिखित में कोई जवाब नहीं दिया है.
पहले भी हो चुका ऐसा मामला, अदालत ने छात्रा के पक्ष में सुनाया था फैसला
दक्षिण अफ्रीका की अदालत का आदेश है कि किसी को भी धार्मिक प्रथाओं को मानने से नहीं रोक सकते हैं. त्रिकमजी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले दक्षिण अफ्रीका के एक स्कूल ने एक हिंदू छात्रा को नोज रिंग पहनने से मना कर दिया था. मामला अदालत पहुंचा तो उन्होंने छात्रा के पक्ष में फैसला सुनाया.
फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति को उसकी धार्मिक या फिर सांस्कृतिक प्रथाओं का पालन करने से नहीं रोक सकते हैं. देश का संविधान धर्म सहित किसी भी मुद्दे पर भेदभाव प्रतिबंधित करता है. इसलिए सरकार ने यहां सांस्कृतिक, भाषा, धार्मिक अधिकार आयोग और मानवाधिकार आयोग की स्थापना की है. बता दें, दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल की करीब 15 लाख आबादी है.