शाजरी हिदायत अब्द ने कहा, हम देख सकते हैं कि वर्तमान सरकार अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में बहुत सक्रिय है। पिछले साल अगस्त में हमारे प्रधानमंत्री ने भारत की आधिकारिक यात्रा की थी। ऐसे में दोनों देशों के बीच सिर्फ विनिर्माण ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी संबंध काफी मजबूत हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, पीएम मोदी भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। यहां पर हमारे लिए जो भी अवसर हैं, उन्हें तलाशने की जरूरत है। हम उम्मीद करते हैं कि न केवल देशों के बीच बल्कि कंपनियों के बीच, मलेशियाई और भारतीय ओडिशा कंपनियों के बीच सफल सहयोग होगा। मुझे लगता है कि ओडिशा मलेशिया के लिए एक नया बाजार है।
उल्लेखनीय है कि उत्कर्ष ओडिशा सम्मेलन का उद्देश्य ओडिशा को भारत में एक प्रमुख निवेश गंतव्य और औद्योगिक केंद्र, पूर्वोदय विजन के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस सम्मेलन में सीईओ और नेताओं की राउंड टेबल मीटिंग, क्षेत्रीय सत्र, बी2बी बैठकें और नीति चर्चाएं होंगी, जिससे दुनिया भर के निवेशकों के साथ लक्षित जुड़ाव सुनिश्चित होगा। उत्कर्ष ओडिशा सम्मेलन में भारत और विदेश से 7,500 से अधिक निवेशक भाग ले रहे हैं।
इस सम्मेलन में पांच प्रमुख क्षेत्रों आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा, कपड़ा, रसायन और फूड प्रोसेसिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, जापान, जर्मनी, पोलैंड और क्यूबा सहित बारह देशों को सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।