लखनऊ, 23 जनवरी। गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कर्तव्य पथ पर उत्तर प्रदेश की 13 लखपति दीदियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य कौशल के भव्य प्रदर्शन की साक्षी बनेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर के विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों के साथ ये दीदियां भी इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा होंगी। कठिन परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए अपने जीवन को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की मिसाल बनाने वाली योगी सरकार की इन विशेष महिलाओं को केंद्र सरकार ने इस आयोजन में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
ये महिलाएं न केवल अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, बल्कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से समाज के लिए प्रेरणा बन गई हैं। केंद्र सरकार ने इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह को उन लोगों के लिए समर्पित किया है, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना विशेष योगदान दिया है। इस वर्ष कार्यक्रम के लिए देशभर से 34 श्रेणियों में 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।
योगी सरकार के प्रयासों से महिलाओं ने तय किया संघर्ष से सफलता तक का सफर
यूपी की ये 13 लखपति दीदियां अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आती हैं, लेकिन एक समानता यह है कि सभी ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी मेहनत और संकल्प के दम पर सफलता हासिल की। सोनभद्र जिले की विनीता ने अपने परिवार की आय बढ़ाने के लिए डेयरी उद्योग का सहारा लिया। उन्होंने अपने समूह के सहयोग से 40 गायों का पालन करते हुए प्रतिदिन 10,000-12,000 रुपये का दूध बेचकर अपने परिवार को स्थिर आर्थिक स्थिति में पहुंचाया।
गौतम बुद्ध नगर की सीमा ने दादरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रेरणा कैंटीन की शुरुआत की और अब हर महीने 36,000-40,000 रुपये कमा रही हैं। वहीं, सरस्वती ने सैनिटरी नेपकिन और अचार निर्माण का कार्य शुरू किया और बैंक सखी के रूप में भी अपनी सेवाएं देकर 37,000 रुपये की मासिक आय अर्जित की।
सोनभद्र की शकुंतला मौर्या ने ड्रैगन फ्रूट की खेती से 1 लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया, जबकि संजू कुशवाहा ने बकरी के दूध से साबुन बनाकर 3.5 लाख रुपये की आय अर्जित की और 300 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया।
बिजनौर की सरिता दुबे ने ब्यूटी पार्लर और कुशीनगर की रुचिका श्रीवास्तव ने होममेड चॉकलेट और केक बनाने के प्रशिक्षण से न केवल अपनी आय बढ़ाई, बल्कि अन्य महिलाओं को भी सशक्त बनाया। इसी तरह, देवरिया की मीना देवी और नंदिनी मिश्रा ने क्रमशः सैनिटरी पैड निर्माण और गोबर से बने उत्पादों के जरिए सालाना 1.5-2 लाख रुपये की कमाई करते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा बनाईं।
अलीगढ़ की सोनी शर्मा ने मसाला निर्माण का काम शुरू किया, जबकि ललिता शर्मा ने डेयरी उद्योग में सफलता हासिल की। मेरठ की संगीता तोमर ने विद्युत सखी के रूप में अपने कार्य से 50,000 रुपये मासिक आय अर्जित की और अपने समुदाय में अन्य महिलाओं के लिए मार्गदर्शक बनीं।
महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण हैं ये लखपति दीदियां
महिलाओं को सही मार्गदर्शन, संसाधन और समर्थन मिले, तो वे किसी भी चुनौती का सामना करते हुए अपने सपनों को साकार कर सकती हैं। योगी सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इन महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसने इन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि उनके परिवार और समुदाय के लिए भी समृद्धि का द्वार खोला।
योगी सरकार के लिए होगा गर्व का क्षण
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन ने कहा कि यह गर्व का क्षण है कि यूपी की 13 लखपति दीदियां गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हो रही हैं। ये महिलाएं आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का प्रतीक हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। मिशन का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। ये दीदियां न केवल अपने परिवारों को सशक्त बना रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में इन महिलाओं की उपस्थिति न केवल उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक भी है। कर्तव्य पथ पर इन दीदियों की कहानियां लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनेंगी और यह दिखाएंगी कि सही अवसर मिलने पर महिलाएं हर क्षेत्र में इतिहास रच सकती हैं।