भारत में एक्टिव इंटरनेट यूजर्स की संख्या 2024 में 886 मिलियन तक पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और कंतार की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत इस मामले में पीछे नहीं है। 488 मिलियन यूजर्स के साथ वह काफी आगे है और कुल इंटरनेट आबादी का 55 प्रतिशत हिस्सा यहां बसता है।
लगभग सभी इंटरनेट यूजर्स (98 प्रतिशत) ने इंडिक भाषाओं में कंटेंट का इस्तेमाल किया, जिसमें तमिल, तेलुगू और मलयालम अपनी व्यापक उपलब्धता के कारण सबसे लोकप्रिय बनकर उभरे।
रिपोर्ट के अनुसार, शहरी इंटरनेट यूजर्स में से आधे से अधिक (57 प्रतिशत) क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट का उपभोग करना पसंद करते हैं, जो विभिन्न प्लेटफार्मों पर स्थानीय भाषा के कंटेंट की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
पिछले एक साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक महत्वपूर्ण गेम चेंजर के रूप में उभरा है।
10 में से नौ इंटरनेट यूजर्स ने एम्बेडेड एआई क्षमताओं वाले ऐप्स का प्रयोग किया है।
कंतार इनसाइट्स-दक्षिण एशिया के निदेशक बीटूबी और प्रौद्योगिकी, बिस्वप्रिया भट्टाचार्य ने कहा, एआई को लेकर व्यापक स्वीकृति और उत्साह डिजिटल कंपनियों को भारत में अगली पीढ़ी के एआई फीचर पेश करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
भारत में डिजिटल जेंडर गैप लगातार कम हो रहा है, देश में सभी इंटरनेट यूजर्स में से 47 प्रतिशत महिलाएं हैं – जो अब तक का सबसे अधिक है। ग्रामीण भारत में शेयर डिवाइस यूजर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अब 58 प्रतिशत है, जो महिला इंटरनेट यूजर्स हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल एक्सेस को अधिक इंक्लूसिव और न्यायसंगत बनाने में प्रगति को दर्शाता है।
ग्रामीण भारत टॉप एक्टिविटी के लिए ऑनलाइन इंगेजमेंट पर हावी है, जिसमें ओटीटी वीडियो और म्यूजिक स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन कम्युनिकेशन और सोशल मीडिया का इस्तेमाल शामिल है। इन कैटेगरी में ग्रामीण, शहरी यूजर्स से आगे हैं।
शहरी भारत स्मार्ट टीवी और स्मार्ट स्पीकर जैसे नॉन-ट्रेडिशनल डिवाइस को अपनाने में सबसे आगे है, जो 2023 और 2024 के बीच 54 प्रतिशत बढ़ गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इसके साथ ही, शहरी और ग्रामीण दोनों डेमोग्राफी में मोबाइल डिवाइस इंटरनेट तक पहुंचने का प्राथमिक साधन बने हुए हैं।