पीएम मोदी ने की 12 बड़ी घोषणाएं, सस्ता कर्ज और कानूनी झमेलों से मुक्ति
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए सरकार से जुड़े 12 फैसलों की घोषणा की। इसमें 59 मिनट में एक करोड़ रूपए का ऋण, ब्याज में छूट, कानूनी प्रक्रियाओं को आसान करना और इंस्पेक्टर राज खत्म करना शामिल है। उन्होंने इसे दीपावली का तोहफा बताया और कहा कि यह देश में छोटे उद्योगों के लिए एक नए युग, एक नए अध्याय की शुरुआत भी करेगा। दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि इन फैसलों को पहले छोटे स्तर पर लागू करके देखा गया। सारी समीक्षा, सारी पड़ताल के बाद अब आज इनकी घोषणा की गई है। उन्होंने इन घोषणाओं को सामूहिक जिम्मेदारी के साथ लिए गए निर्णय करार दिए और कहा कि इससे बहुत व्यापक प्रभाव पड़ेगा। वहीं प्रधानमंत्री विरासत एवं पहचान से जुड़े उद्योगों वाले 100 जिलों की समीक्षा स्वयं करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई या छोटे उद्योग हमारे देश में करोड़ों देशवासियों की रोज़ी-रोटी है। खेती अगर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है तो एमएसएमई उसके मज़बूत कदम हैं। ऐसे में एमएसएमई के लिए कई विषयों पर काम किया जाना जरूरी है। इसमें सस्ती दर पर कर्ज मिले और कैश फ्लो बना रहे, मार्केट मिले-ई-कॉमर्स जैसे प्लेटफॉर्म पर हिस्सेदारी बढ़े, तकनीकि विकास हो, व्यापार सुगमता हो, सरकारी दखल कम हो और कर्मचारी में सुरक्षा की भावना बड़े जैसे कदम शामिल हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पहली घोषणा के तौर पर 59 मिनट लोन पोर्टल का देशव्यापी लॉन्च किया। इसके माध्यम में एक घंटे से कम समय में जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई को एक करोड़ रूपए तक का ऋण मिल सकेगा।
दूसरी घोषणा के तौर पर इन एमएसएमई को एक करोड़ रूपए के कर्ज में ब्याजदर पर दो प्रतिशत की छूट देगी। उन्होंने कहा कि इससे जीएसटी से जुड़ना और कर भरना आपकी ताकत बनेगा और सरकार की कर्ज सुविधा मिलेगी। निर्यातकों को प्री-शिपमेंट और पोस्ट शिपमेंट की अवधि में मिलने वाले ऋण पर ब्याज की दर में छूट को सरकार ने तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। तीसरी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सारी कंपनियां जिनका टर्नओवर 500 करोड़ रूपए से ऊपर है, उनको अब ट्रेड रिसिवेबल ई डिस्काउंटिंग तंत्र यानि टीआरईडीएस प्लेटफार्म पर लाना ज़रूरी कर दिया गया है। ताकि एमएसएमई को कैश फ्लो में दिक्कत न आए।