बांग्लादेश: हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर अदालत में सुनवाई आज

ढाका। बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास गुरुवार को चिटगांव कोर्ट में राजद्रोह मामले में जमानत की सुनवाई के लिए पेश होंगे।

हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में हैं। उनके के लिए न्याय की मांग बढ़ती जा रही है।

ढाका और चटगांव के 20 वकीलों द्वारा समर्थित जमानत याचिका में झूठे और मनगढ़ंत मामले के आरोपों को उजागर किया गया है। वकीलों का तर्क है कि डायबिटीज और श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित दास को अनुचित रूप से हिरासत में रखा गया है। उनके मुख्य वकील रवींद्र घोष को पहले अग्रिम जमानत याचिका दायर करने से रोक दिया गया था।

इस्कॉन कोलकाता ने निष्पक्ष परिणाम की उम्मीद जताई है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने चिन्मय कृष्ण दास और बांग्लादेश में अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए समर्थन की फिर से पुष्टि की। संगठन उनकी सुरक्षा और न्याय के लिए प्रार्थना कर रहा है।

इससे पहले 11 दिसंबर को एक बांग्लादेश की एक अदालत ने दास की प्रारंभिक जमानत याचिका को प्रक्रिया में खामी के कारण खारिज कर दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वैध पावर ऑफ अटॉर्नी और वकील की अनुपस्थिति के कारण याचिका खारिज की गई थी।

मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब दास के वकीलों में से एक सुभाशीष शर्मा सुरक्षा कारणों से 3 दिसंबर की सुनवाई में शामिल नहीं हो सके। अभियोक्ता मोफिजुल हक भुइयां ने कहा कि उचित दस्तावेज और कानूनी प्रतिनिधित्व की कमी के कारण पहले की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई। इस बीच, भारत ने निष्पक्ष और पारदर्शी सुनवाई की मांग की है, जिसमें सभी संबंधित लोगों के कानूनी अधिकारों का सम्मान करने की जरूरत पर जोर दिया गया है।

अधिवक्ताओं और समर्थकों को उम्मीद है कि अदालत संत के बिगड़ते स्वास्थ्य और प्रक्रियागत अनियमितताओं पर विचार करेगी, जो अब तक मामले को प्रभावित कर रही हैं।

 

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