बोलीं अपर्णा, शिवपाल के अलग होने का 2019 में पड़ेगा असर

बेबाक : चुनाव लड़ने का मौका मिला तो वह शिवपाल के साथ
राम मन्दिर बनना चाहिए और मैं भगवान श्रीराम के साथ हूं

बाराबंकी : अपने बेबाक बयानों से हमेशा हैरत में डाल देने वाली मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने एक बार फिर पार्टी लाइन से इतर बयान देकर सबको हैरत में डाल दिया है। अपर्णा यादव के बेबाक बयान बाराबंकी में भी जारी रहे और पार्टी लाइन से अलग होकर उन्होंने बयान दे डाले। अपर्णा ने स्वीकार किया कि 2019 के चुनाव में शिवपाल के अलग होने से असर पड़ेगा और अगर उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिला तो अखिलेश या शिवपाल में से वह अपने चाचा शिवपाल और नेता जी मुलायम सिंह यादव को चुनेंगी। राम मन्दिर पर पार्टी लाइन से अलग हटकर अपर्णा ने कहा कि राम मन्दिर बनना चाहिए और वह राम मन्दिर के पक्ष में हैं। अपर्णा यादव गुरुवार को बाराबंकी के देवा शरीफ में थी। इस दौरान उनसे जब पूछा गया कि शिवपाल यादव के अलग होने से क्या 2019 के चुनाव में असर पड़ेगा तो अपर्णा ने कहा कि पारिवारिक खींचतान के चलते 2017 का चुनाव प्रभावित हुआ था और 2019 के चुनाव में भी इसका असर जरूर पड़ेगा क्योंकि चाचा जी का भी पार्टी को माजबूत करने में योगदान कम नहीं रहा है। पार्टी को उन्होंने भी काफी मेहनत से मजबूत किया था। मगर अभी 2019 में काफी समय है, देखिए आगे क्या होता है।

अपर्णा यादव से पूछा गया किया कि अगर 2019 में चुनाव लड़ने का मौका मिला तो किस सिम्बल से चुनाव लड़ना चाहेंगी, शिवपाल जी के सिम्बल से या फिर अखिलेश जी के सिम्बल से। इस पर अपर्णा ने कहा कि वह अपने चाचा शिवपाल जी के साथ रहना चाहेंगी। हालाकि अपर्णा ने शिवपाल के साथ मुलायम सिंह यादव का भी नाम जोड़ कर कहा कि वह बड़ों के साथ ही रहना चाहेंगी। राम मन्दिर पर अपर्णा यादव कहा कि जो न्यायालय का निर्णय आया है कि जनवरी में इसकी सुनवाई होगी तो हमें इसका इंतजार करना चाहिए। मैं चाहती हूँ कि राम मन्दिर बने। यह पूछे जाने पर कि क्या मस्जिद नहीं बनना चाहिए इस पर अपर्णा ने कहा कि मैं तो मन्दिर के पक्ष में हूँ क्योंकि रामायण में भी राम जन्मभूमि का उल्लेख आता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप बीजेपी के साथ हैं तो अपर्णा ने कहा कि मैं राम के साथ हूँ।

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