किसानों के लिए 2014 से प्रारंभ हुए प्रयास को मॉडल के रूप में ले रही दुनिया: सीएम योगी

लखनऊ, 23 दिसंबरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का जन्मदिवस उत्तर प्रदेश में 2002 से ‘किसान सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। चौधरी साहब कहा करते थे कि किसान गरीब होगा तो भारत अमीर नहीं हो सकता। भारत को समृद्ध बनाने के लिए अन्नदाता किसान को समृद्ध बनाना पड़ेगा। इसे ध्यान में रखकर पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। किसानों के लिए 2014 से जो प्रयास प्रारंभ हुआ, दुनिया उसे मॉडल के रूप में ले रही है।

मुख्यमंत्री सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती ‘किसान सम्मान दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के अंतर्गत 11कृषकों को ट्रैक्टर की चाबी दी और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

किसानों के मुद्दे पर चौधरी साहब का कांग्रेस से हुआ था मतभेद

सीएम ने कहा कि आजादी के बाद किसानों के मुद्दों को लेकर चौधरी चरण सिंह जी का कांग्रेस के साथ मतभेद हुआ था, लेकिन पीएम मोदी ने पहली बार किसानों को भारत के राजनीतिक एजेंडे व सरकार की प्राथमिकताा बनाने का कार्य किया।स्वॉयल हेल्थ कॉर्ड, उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने, खेती को तकनीक से जोड़ने, कृषक दुर्घटना बीमा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं से किसानों की उन्नति के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

22 वर्ष में 95 हजार करोड़, साढ़े सात वर्ष में 2.61 लाख करोड़ हुआ गन्ना भुगतान

सीएम ने कहा कि 2014 में पीएम ने कहा था कि हमें किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। प्रदेश में 1996 से 2017 तक (22 वर्ष) में कुल 95 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों के खाते में गया था, लेकिन 2017 से अब तक 2 लाख 61 हजार करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है। पीएम मोदी का जोर है कि लागत को कम करना व उत्पादन को बढ़ाना है और इसी के माध्यम से किसान को समृद्ध व खुशहाल कर सकते हैं।

किसानों की आमदनी बढ़ाने को सरकार ने की पहल

सीएम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने साढ़े सात वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी। 14 लाख निजी नलकूपों को प्रदेश सरकार द्वारा फ्री में विद्युत उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके एवज में दो से ढाई हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सरकार अपने पास से पैसा दे रही है। पहले से लगे ट्यूबवेल को सोलर पैनल से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें, इसके लिए भी केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से कई पहल की गई है।

सीएम ने की किसानों की तारीफ, बोले- प्रेरणादायी है इनका पुरुषार्थ

सीएम ने सम्मानित होने वाले किसानों के कार्यों की तारीफ की। बोले-इन किसानों का पुरुषार्थ प्रेरणादायी है। खेती घाटे का सौदा नहीं है, बल्कि ईमानदारी से कार्य करने पर इसके सुखद परिणाम आएंगे। सीएम ने एक हेक्टेयर में उच्चतम फसल उगाने वाले सफल किसानों की कहानी बताई। गोरखपुर के किसान श्याम दुलारे यादव ने एक हेक्टेयर खेती में 79 कुंतल गेहूं, रायबरेली के फूलचंद ने 44.12 कुंतल का उत्पादन किया है। जालौन के हेमंत कुमार ने 45 कुंतल मटर, सिंगार सिंह (पीलीभीत) ने 28.40 कुंतल, राजीव कुमार (औरैया) ने 44.40 कुंतल सरसो, नंदलाल (पीलीभीत) ने 90.20 कुंतल धान, श्रीरामबचन (बहराइच) ने एक हेक्टेयर में 80.64 कुंतल मक्का, श्रीरामलगन (आजमगढ़) ने 28.40 कुंतल उड़द, मथुरा के महेश चंद ने 32.20 कुंतल उत्पादन किया है। चरण सिंह (फिरोजाबाद) ने 13 कुंतल तिल, काशी प्रसाद (जालौन) ने 13 कुंतल का उत्पादन किया है। उर्मिला देवी (हमीरपुर) ने एक हेक्टेयर में 42.80 कुंतल ज्वार, दीवान सिंह (फिरोजाबाद) ने 46.80 कुंतल बाजरा, गोरखपुर के अनिल कुमार ने 20 कुंतल कोदो, गोरखपुर के सुभाष ने 30.50 कुंतल रागी, गोरखपुर के वीरेंद्र सिंह ने 24.10 कुंतल सावा का उत्पादन किया है। सीएम ने उद्यमिता की तरफ कदम बढ़ाने वाले किसानों को बधाई दी और कृषि विभाग से कहा कि इनकी पद्धति को कृषि विज्ञान केंद्रों तक पहुंचाइए। इनके कार्यों को जानने का अवसर अन्य किसानों को मिलना चाहिए।

प्रदेश में लगभग सवा लाख एकड़ क्षेत्रफल में हो रही प्राकृतिक खेती

सीएम ने कहा कि हमें लागत को कम करने के लिए विषमुक्त खेती की तरफ जाने की आवश्यकता है। धरती को मां कहते हैं, लेकिन इसकी सेहत का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। हमें इसके लिए तकनीक अपनानी चाहिए, प्रशिक्षण व जानकारी लेनी चाहिए। प्रदेश में लगभग सवा लाख एकड़ क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती हो रही है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे भावी पीढ़ी का भविष्य़ उज्ज्वल व सुरक्षित कर पाएंगे।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, ओपी श्रीवास्तव, अमरेश कुमार, जय देवी, देवेंद्र निम, विधान परिषद सदस्य रामचंद्र प्रधान, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता आदि मौजूद रहे।

किसानों व अधिकारियों का किया सम्मान

मुख्यमंत्री ने गेहूं में श्रेष्ठ उत्पादन करने वाले श्याम दुलारे यादव (गोरखपुर), धान के लिए नंदलाल (पीलीभीत), मक्का उत्पादन में वचन लाल (बहराइच), सरसो व राई के लिए राजीव कुमार (औरैया) को शॉल, प्रशस्ति पत्र व एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया गया। विशिष्ट महिला श्रेणी में मधुमक्खी पालन के लिए राजकुमारी (लखनऊ), प्राकृतिक खेती में योगेंद्र कुमार सिंह (मीरजापुर), एफपीओ में उद्यमी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (बहराइच), औद्यानिक खेती के लिए धर्मेंद्र कुमार सिंह (गोरखपुर), कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक हमीरपुर के डॉ. प्रशांत कुमार आदि को सम्मानित किया।

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