91 वर्षीय ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम.टी. वासुदेवन नायर की हालत गंभीर

कोझिकोड। प्रसिद्ध ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता और केरल के सबसे प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक 91 वर्षीय एम.टी. वासुदेवन नायर गंभीर रूप से बीमार हैं। एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।

यह जानकारी उनके करीबी मित्र एम.एन. करिसेरी ने दी है। उनकी हेल्‍थ पर नजर रखने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। विशेषज्ञों की एक टीम अनुभवी लेखक और फिल्म निर्माता की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।

करिसरी ने कहा, मैंने आज सुबह उनसे मुलाकात की। वह डॉक्‍टरों की निगरानी में है। उनकी हालत गंभीर है। वह हाल ही में अस्पताल में आते-जाते रहे हैं। उनकी पत्नी और बेटी उनके साथ हैं।

एमटी के नाम से लोकप्रिय नायर हाल के हफ्तों में सांस और हृदय संबंधी तकलीफों से गुजर रहे है।

पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित नायर ने मलयालम साहित्य और सिनेमा पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने पटकथा के लिए चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं और लगभग 54 फिल्मों की पटकथा लिखते हुए सात फिल्मों का निर्देशन किया है। उनकी पटकथाएं , पुस्तक के रूप में उपलब्ध हैं जो महत्वाकांक्षी फिल्म निर्माताओं के लिए आवश्यक पठन सामग्री मानी जाती हैं।

इन वर्षों में नायर को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलर पुरस्कार, वल्लथोल पुरस्कार, एज़ुथाचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओ.एन.वी. साहित्य पुरस्कार शामिल है।

2013 में उन्हें मलयालम सिनेमा में आजीवन उपलब्धि के लिए जे.सी. डैनियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2022 में उन्हें केरल सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान, केरल ज्योति पुरस्कार मिला।

नायर को साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 1995 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई वर्षों तक मातृभूमि इलस्ट्रेटेड वीकली के संपादक के रूप में भी काम किया।

 

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