केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, 2021 में प्रकाशित पिछले सूचकांक में, भारत 54वें स्थान पर था। हालांकि, विश्व आर्थिक मंच की मेथोडोलॉजी में संशोधन के कारण, भारत की 2021 की रैंक को 38वें स्थान पर एडजस्ट किया गया था।
पर्यटन मंत्रालय ‘स्वदेश दर्शन’, ‘राष्ट्रीय तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद)’ और ‘पर्यटन अवसंरचना विकास के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता’ योजनाओं के तहत देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों, केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) के लिए भारत का आधिकारिक पोर्टल लॉन्च किया है, जो एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया पोर्टल है।
यह एक “वन-स्टॉप” पोर्टल है, जिसे विदेश से भारत में चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के इच्छुक लोगों के लिए सूचना की सुविधा के लिए विकसित किया गया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर किफायती चिकित्सा पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है और देश के डॉक्टर इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था, भारत विश्व मंच पर किफायती चिकित्सा पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है और इस विकास में डॉक्टरों की प्रमुख भूमिका है। अन्य देशों से लोग यहां उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भारत आते हैं।
शेखावत के अनुसार, 5,000 से अधिक वर्षों की सभ्यता के इतिहास, 43 विश्व धरोहर स्थलों, 56 संभावित विश्व धरोहर स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के लगभग 3,500 स्मारकों के साथ, भारत की सांस्कृतिक विरासत इसकी वैश्विक ताकत का प्रमाण है।
हाल ही में राइजिंग राजस्थान शिखर सम्मेलन में विविधता को अपनाना: समावेशी पर्यटन को बढ़ावा देना सत्र में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरासत भी विकास भी के दृष्टिकोण ने देश की प्रगति को गति दी है, जो भारत की ऐतिहासिक विशिष्टता को इसकी आधुनिक उपलब्धियों से जोड़ता है।
उन्होंने पर्यटन क्षेत्र में भारत की शानदार प्रगति पर भी चर्चा की थी, जिसमें 1,50,000 किलोमीटर सड़क नेटवर्क, 500 नए हवाई मार्गों का विकास, 150 नए हवाई अड्डों का निर्माण और वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों की शुरुआत जैसे सुधारों का हवाला दिया गया था।