भारत और चीन के बीच एक अहम मीटिंग हुई है. ये बैठक पाकिस्तान की टेंशन बढ़ाने वाली है. आइए जानते हैं कि चीन से भारत के लिए क्या खुशखबरी आई है.
चीन से भारत के लिए गुड न्यूज आई है. भारत और चीन के बीच आज यानी बुधवार को 23वीं विशेष प्रतिनिधियों की बैठक (23rd Special Representatives Meeting) हुई है. ये मीटिंग चीन की राजधानी बीजिंग में हुई है, जिसमें सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने और कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू किए जाने समेत 6 अहम समझौते हुए हैं. मानसरोवर यात्रा का फिर शुरू होना शिवभक्तों के लिए किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है.
मीटिंग में कौन-कौन रहा शामिल
भारत की ओर इस मीटिंग में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजित डोभाल शामिल हुए. वहीं, चीन की ओर बैठक में चीनी विदेश मंत्री और सीपीसी सेंट्रल कमिटी के मेंबर मौजूद रहे. हाल के दिनों में जिस तरह से चीन और भारत के बीच मीटिंगें हो रही हैं, उनसे दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने के संकेत मिल रहे हैं. बता दें कि अगली विशेष प्रतिनिधियों बैठक यानी 24th SR Meeting भारत में आयोजित होगी. NSA अजित डोभाल ने इसके लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी को भारत आने का न्योता दिया.
भारत-चीन के बीच 6 समझौते
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि विशेष प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हाल ही में हुई बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के अनुसार बैठक की. बताया गया है कि एनएसए अजित डोभाल के बीजिंग दौरे में भारत और चीन के साथ 6 अहम समझौते हुए हैं. भारत और चीन के साथ हाल के समय में जिस तरह से सकारात्मक बैठकें हुई हैं. उनसे दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं.
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कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना
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सीमा पार नदियों और सीमा व्यापार पर डेटा साझा करना
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सीमा पार सहयोग और आदान-प्रदान को बढ़ाना
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सीमा पर शांति बहाली और स्थिरता को बनाए रखना
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क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए स्थिर
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पूर्वानुमानित-सौहार्दपूर्ण भारत-चीन संबंधों की प्रमुखता पर भी सहमति
टेंशन में क्यों पाकिस्तान?
पाकिस्तान चीन को अपना ‘आयरन ब्रदर’ कहता है. पाकिस्तान के लिए चीन की दोस्ती काफी अहमियत रखती है, लेकिन जिस तरह से भारत और चीन के बीच रिश्ते सुधरते हुए दिख रहे हैं. वो पाकिस्तान को रास नहीं आ सकता है. चीन ने पाकिस्तान को झटका भी दिया है, उसने पावर परचेज एग्रीमेंट पर अपनी शर्तों में ढील देने से इनकार कर दिया. इसकी वजह, वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को 500 मिलियन डॉलर का लोन देने से इनकार कर दिया.