केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज यानी मंगलवार को संविधान पर हुई चर्चा पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि, ‘संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छा है. देश कितना आगे बढ़ा, यह चर्चा जनता को इस बात का अहसास कराएगी. इस चर्चा में हम गहराई तक गए और हमारा लोकतंत्र पाताल की गहराई तक है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के लिए संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि वंचितों के कल्याण और राष्ट्र निर्माण की मूल प्रेरणा है. अमित शाह ने संविधान आरक्षण और ट्रिपल तलाक समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस को जमकर घेरा. राज्यसभा में अमित शाह के भाषण की 10 बड़ीं बातें जानिए.
1- संविधान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान को लेकर कांग्रेस पर करारा हमला किया. उन्होंने कांग्रेस पर संविधान को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, ‘हाल के चुनावों में मैंने एक अजीब दृश्य देखा. इतने सालों में किसी ने सार्वजनिक सभाओं में संविधान की प्रति नहीं लहराई. कांग्रेस ने संविधान के बारे में झूठ बोलकर जनादेश पाने की कोशिश की.’
2. आरक्षण
आरक्षण के मुद्दे पर भी अमित शाह कांग्रेस पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (कांग्रेस) झूठ बोलना शुरू कर दिया कि वे आरक्षण को 50% तक बढ़ा देंगे. दो राज्य ऐसे हैं, जहां धर्म के आधार पर आरक्षण है. यह असंवैधानिक है. वे ओबीसी को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं. वे सीमा को 50% तक बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं. हम उस धर्म-आधारित आरक्षण को लागू नहीं होने देंगे.’
3. ट्रिपल तलाक
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये मोदी सरकार ही थी, जिसने तीन तलाक खत्म किया. उन्होंने कहा, ‘हम ट्रिपल तलाक को खत्म करने के लिए कानून लाए. आपने (कांग्रेस) वोट बैंक की राजनीति की और सालों तक मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय किया. हमने ट्रिपल तलाक को खत्म किया और मुस्लिम माताओं और बहनों को अधिकार दिया.’
4. नई शिक्षा नीति
गृहमंत्री अमित शाह ने नई शिक्षा नीति को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि, ‘2020 में हम नई शिक्षा नीति लेकर आए. यह आजादी के बाद पहली शिक्षा नीति है, जिसका कम्युनिस्ट भी विरोध नहीं कर सके. हम जम्मू-कश्मीर में आरक्षण लाने के लिए संशोधन विधेयक लाए.’
5. नए क्रिमिनल्स लॉ
अमित शाह ने कहा कि, ‘हम 3 नए आपराधिक कानून भी लाए. पिछले वाले 160 साल पुराने थे और ब्रिटिश संसद में बने थे. पीएम मोदी ने भारत की न्याय प्रणाली का ‘भारतीयकरण’ किया.’ साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘हमने 100 पुराने कानूनों को खत्म किया और लोगों की सुविधा के लिए एक कानून लाए.’
6. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर अमित शाह ने सरकार की तारीफ की है. उन्होंने कहा, ‘दूसरा संशोधन 102वां था, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए. तीसरा संशोधन 12 जनवरी, 2019 को, उन जातियों को 10% आर्थिक आरक्षण देने के लिए था, जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता. चौथा, अगस्त 2021 के बाद, राज्यों को समुदायों की पिछड़ी स्थिति तय करने का अधिकार दिया गया. हमने जो छठा संशोधन किया, वह 28 सितंबर, 2023 को महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए था. नारी शक्ति अधिनियम पारित किया गया.’
7. जीएसटी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की टैक्स प्रणाली में सुधार के बिंदुओं को भी सदन के समक्ष रखा. उन्होंने कहा, ‘101वां संशोधन मोदी सरकार के तहत किया गया पहला संशोधन था. 1 जुलाई 2017 को हम जीएसटी लेकर आए और अर्थव्यवस्था को लय में लाए. हम जीएसटी लेकर आए और राज्य की विकास दर के अनुसार मुआवजे की गारंटी दी.’
8. इमरजेंसी
अमित शाह ने एक बार इमरजेंसी के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि ‘10 अगस्त 1975 का दिन काला दिन था. इंदिरा गांधी के चुनावों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया था.
9. EVM
हालिया विधानसभा चुनावों में हार मिलने के बाद कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे. अमित शाह ने इस मुद्दे पर भी कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘आज वे हार गए और ईवीएम को दोषी ठहरा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के खिलाफ याचिका को 24 बार खारिज किया है. चुनाव आयोग ने ईवीएम को 3 दिनों तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रखा ताकि कोई भी यह साबित कर सके कि इसे हैक किया जा सकता है या नहीं. कोई नहीं आया…’
10. महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव
अमित शाह ने कहा, ‘वे (कांग्रेस समेत विपक्षी दल) महाराष्ट्र हार गए और उसी दिन झारखंड में जीत गए. महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें उनके झूठ की सजा दी. उसी दिन महाराष्ट्र में ईवीएम को दोषी ठहराया गया और उन्होंने झारखंड में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी की.’