इस दौरान लोगों से उनके कागज भी देख गए। पुलिस की इस स्पेशल ड्राइव को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है। लोगों का मानना है कि दिल्ली पुलिस जो अभियान बांग्लादेशी, रोहिंग्या के खिलाफ चला रही है, वह ठीक है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने तीन दिन में 32 लोगों को चिह्नित किया गया है जिन पर बांग्लादेशी होने का शक है।
पुलिस की स्पेशल ड्राइव पर जलालुद्दीन ने कहा है, मैं पश्चिम बंगाल का रहने वाला हूं, लेकिन दिल्ली में 1976 से रह रहा हूं। पुलिस जो अभियान चला रही है, हमें इससे कोई एतराज नहीं है। यहां पर बांग्लादेशी नहीं हैं। पहले हजारों की तादाद में बांग्लादेशी थे। लेकिन, आज नहीं हैं।
एक अन्य व्यक्ति अलाउद्दीन ने कहा, मैं यहां पर 40 साल से रह रहा हूं। मैं बिहार के जहानाबाद जिले का रहने वाला हूं। हमें नहीं पता कि यहां पर बांग्लादेशियों को लेकर दिल्ली पुलिस अभियान चला रही है। अगर यहां पर बांग्लादेशी रहते भी होंगे तो किसी को क्या पता है। सब तो अपने काम में व्यस्त रहते हैं।
मोहम्मद फहाद ने कहा कि वह यहां पर सात साल से रह रहे हैं। उन्होंने कहा, दिल्ली पुलिस जो भी अभियान चला रही है, वह अच्छा काम कर रही है। जो भी बांग्लादेशी हैं उन पर कार्रवाई की जाए, उन्हें वापिस भेजा जाए। जो लोग यहां के निवासी हैं उन्हें यहां पर रखा जाए। मेरे पास भी सारे दस्तावेज हैं। अगर पुलिस हमसे दस्तावेज मांगती है तो हम दिखाएंगे। मैं उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला हूं।