राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक प्रतिनिधिमंडल को वेटिकन सिटी भेज रहे हैं। यह हम सभी देशवासियों के लिए एक गर्व का मौका है। 7 तारीख को वहां पर केरल से फादर जॉर्ज कूवाकड हैं, जो फादर क्रिश्चियन कम्युनिटी से है उनको कार्डिनल बनाया जा रहा है, होलनेस पॉप के हाथ ऑइंटमेंट होगा। यह सब हम देशवासियों के लिए और ईसाई समुदाय के लिए गर्व का मौका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक डेलिगेशन भेज रहे हैं ताकि हम सब वहां पर जाकर उनको शुभकामनाएं दें और होलनेस पॉप से आशीर्वाद लेकर आएं। उस डेलिगेशन का नेतृत्व जॉर्ज कुरियन कर रहे हैं, जो हमारे मंत्री अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री हैं और इस डेलिगेशन के साथ जाने का मुझे भी मौका दिया गया है। मैं बहुत खुश हूं। मेरे साथ अनूप एंथोनी, अनिल एंटोनी, सतनाम संधू कांग्रेस के नेता, कोडिकुन्नील सुरेश भी इस डेलिगेशन में शामिल होंगे। हम सब वहां पर जाकर फादर जॉर्ज कूवाकड को शुभकामनाएं देंगे और उनके ऑडीमेंट सेरेमनी में भाग लेंगे।
वक्फ बोर्ड पर जेपीसी की बैठक को लेकर राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि मैं जेपीसी पर कुछ नहीं कहूंगा। वक्फ बोर्ड के बारे में लोगों में जो एक तरह से एक पॉपुलर ओपिनियन बन गया है कि हमारे देश में जब संविधान का कानून चलता है, संविधान के बारे में विश्वास करते हैं। उस देश में वक्फ जैसा एक्ट होना नहीं चाहिए या होता है तो उसमें बहुत अमेंडमेंट होना चाहिए ताकि उसमें बहुत अकाउंटेबिलिटी रहे। वक्फ को लेकर दोहरे मापदंड का जो सिस्टम है वो हम आगे ना चलाएं।
पंजाब में सुखबीर सिंह बादल पर हुए जानलेवा हमले को लेकर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि 2008 में अरविंद केजरीवाल की राजनीति शुरू हुई थी। मैं आज बहुत कॉन्फिडेंस के साथ कह सकता हूं कि 2025 में उनका एक फाइनल चैप्टर लिखा जाएगा। क्योंकि उन्होंने इतना झूठ बोला और लोगों को भड़काया है। आप पंजाब में देख रहे हैं कि उनकी सरकार ने ऐसा घुसपैठियों, आतंकियों को इनकरेज किया है। वहां बिना किसी डर के सुखबीर सिंह बादल जैसे बड़े नेता पर जानलेवा हमला वह कर रहे हैं। मैं मानता हूं कि अरविंद केजरीवाल गवर्नेंस आज देश की सुरक्षा में, राजकीय सुरक्षा में विफल हो चुके हैं। लोग जानते हैं उन्होंने जो एक तरह की नई राजनीति का जो दावा किया था, जिसमें वह साफ-सुथरी राजनीति की बात कर रहे थे उसका पूरी तरह से खुलासा हो गया है। दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव में लोग अपने वोट के जरिए उनको जवाब देंगे कि ऐसी राजनीति हम चाहते नहीं है। ऐसी राजनीति की उम्मीद राहुल गांधी से हम करते हैं। अरविंद केजरीवाल से हमने यह उम्मीद नहीं किया था। अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी में कोई फर्क नहीं है।