(शाश्वत तिवारी) नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कूटनीतिक पहल से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात सुधरे हैं और भारत तथा चीन हालात में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध हैं। जयशंकर ने लोकसभा में चीन और भारत के बीच हालिया रिश्तों की जानकारी देते हुए यह टिप्पणी की। चीन के साथ सीमा पर तनाव और हालिया समझौते की जानकारी सदन को देते हुए विदेश मंत्री ने कहा सीमा पर हालात सामान्य होने के बाद ही चीन से बातचीत की गई है। दोनों में से कोई भी पक्ष मौजूदा स्थिति से छेड़छाड़ नहीं करेगा और सहमति से ही सभी मसलों का समाधान होगा। मैंने चीनी विदेश मंत्री से बात की है, रक्षा मंत्री ने भी चीनी रक्षा मंत्री से बात की है। आसियान के सम्मेलन में भी भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात में कहा गया कि दोनों ओर से एलएसी का सम्मान होना चाहिए। पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से डिसइंगेजमेंट (सैनिकों का पीछे हटना) हो चुका है, तनाव वाले इलाकों में डिसइंगेजमेंट पर हमारा फोकस है।
जयशंकर ने आगे कहा कि एलएसी पर बहाली का पूरा श्रेय हमारे देश की सेना को जाता है। रसद चुनौतियों और कोविड महामारी के बावजूद उन्होंने चीनी सैनिकों का तेजी से मुकाबला किया। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत और चीन के बीच सहमति बनी है कि यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा और साथ ही दोनों देशों के बीच पुराने समझौतों का पालन किया जाएगा। सीमा पर शांति के बिना भारत-चीन के संबंध सामान्य नहीं रह सकते।
उन्होंने कहा चीन के साथ हमारे रिश्ते आगे बढ़े हैं, मगर ये जरूर है कि पिछली घटनाओं के कारण रिश्ते अभी उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए हैं, जैसे पहले थे। आने वाले दिनों में हम चीन के साथ आगे विवाद न हो, इस पर चर्चा करेंगे। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए बात करेंगे।