आज से शुरू होगा संसद का शीतकालीन, इन बिलों को पेश कर सकती है सरकार, हंगामे के आसार

18वीं लोकसभा का पहले शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. शीतलाकीन सत्र में सरकार सदन में दो अहम बिल पेश कर सकती है.

 संसद का शीतकालीन सत्र आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है. इस सत्र में हंगामे के आसार बने हुए हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार अपने तेवर दिखा रही हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि संसद का ये सत्र हंगामेदार रहेगा. इस सत्र में सरकार कुछ अहम बिलों को भी सदन में पेश कर सकती है. जिसे लेकर भी विपक्ष की ओर से सदन में विरोध प्रदर्शन किए जाने की संभावना है.

हंगामेदार रह सकता है शीतकालीन सत्र

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. जिसमें विपक्षी पार्टियों ने मणिपुर हिंसा, अदाणी मुद्दों पर चर्चा करने की मांग रखी. उससे ऐसा माना जा रहा है कि इस सत्र में विपक्ष जमकर हंगामा करने वाला है. जानकारी के मुताबिक, शीतकालीन सत्र में सरकार वक्फ संशोधन, एक राष्ट्र-एक चुनाव जैसे करीब 16 विधेयकों पेश कर सकती है. इनमें वक्फ संशोधन बिल, एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक प्रमुख हैं. हालांकि इन बिलों को लेकर प्रमुख विपक्षी दल पहले से ही टकराव की स्थित में हैं.

20 दिसंबर तक चलेगा सत्र

महाराष्ट्र, हरियाणा और विधानसभा चुनावों के अलावा कई राज्यों में हुए उपचुनाव के परिणामों के बीच संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में चुनावी राज्यों को नतीजों का भी प्रभाव देखने को मिल सकता है. संसद सत्र के सुचारु संचालन के लिए सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. जिसमें सत्र के काम-काज को लेकर चर्चा हुई.

16 बिलों को किया गया सूचीबद्ध

इस सत्र के लिए सरकार ने करीब 16 बिलों को सूचीबद्ध किया है. ये जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी. इनमें बिलों में वक्फ संशोधन विधेयक और पंजाब न्यायालय संशोधन विधेयक भी शामिल है. इसके साथ ही शीतकालीन सत्र के दौरान एक राष्ट्र-एक चुनाव से जुड़ा विधेयक भी पेश किया जा सकता है. जिसके संकेत सरकार की ओर से पहले ही मिल चुके हैं.

सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार: किरेन रिजिजू

संसद सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा को तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि सदन का समय खराब हो. इसके साथ ही जगदंबिका पाल की अगुवाई में गठित जेसीपी भी सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

हालांकि, विपक्ष की ओर से जेपीसी को दिए गए समय को और बढ़ाने की मांग की है. विपक्षी पार्टियों ने सत्र के दौरान अपनी मांग भी सरकार के सामने रखी. लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने सरकार से अदाणी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा कराने की मांग रखी है. इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा, उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के बने खतरनाक हालात और रेल हादसों पर भी चर्चा की मांग की है.

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