राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एक बयान में कहा, नीतीश कुमार ने महादलित वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया। बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय की क्या स्थिति थी? लालू और राबड़ी देवी के राज में बिहार में मदरसा के टीचरों को 7000 रुपये मिलते थे, लेकिन आज मदरसा के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का पैसा मिलता है। हालांकि, अब अल्पसंख्यक समाज के लोग नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं।
उन्होंने आगे कहा, मैं उनसे यही कहूंगा कि वह किसी भी गलतफहमी में ना रहें, क्योंकि नीतीश कुमार की सोच है कि कोई उनको वोट दे या नहीं, लेकिन हम बिहार के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए हम काम करते हैं। पिछले 19 वर्षों में नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के लिए काम किया है, जो बिहार के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण है। मगर यह लोग वोट उसको देते हैं, जिन्होंने अल्पसंख्यक समाज के लिए एक भी काम नहीं किया है। नीतीश कुमार कहते हैं जाने दीजिए और उन्हें वोट देने दीजिए, क्योंकि हम सरकार में हैं और हमारा फर्ज लोगों के विकास के लिए काम करना है।
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आगे कहा, हम अति पिछड़े वर्ग के लोगों को सावधान करना चाहते हैं, क्योंकि नीतीश कुमार ने उनके लिए काम किया है, मगर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उन्हें भ्रमित करने, उनको जात और अलग समाज में बांटने का काम कर रहे हैं।