पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी सुम्बुल राणा ने कहा कि मुकाबला तो किसी से नहीं है, मुकाबला तो सभी का एक दूसरे से होता है, एक से नहीं होता। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छी जीत होगी। वह माहौल तो आप लोगों ने भी देखा है, किस तरह से किया जा रहा था, बहुत ही बेकार माहौल था, पर फिर भी जीत होगी। सपा की ओर से लगाए गए धांधली के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुम्बुल राणा ने कहा कि वह तो हुआ है। अभी जो माहौल देख रही हूं, उसी से संतुष्ट हूं, पर आगे देखिए अगर कुछ न हो तो।
वहीं, एआईएमआईएम प्रत्याशी अरशद राणा ने भी मतगणना स्थल पर पहुंचकर मीडिया से बातचीत की और चुनावी माहौल को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिस तरह मतदान के दिन हालत बद से बदतर रहे, वह लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक था, लेकिन आज मतगणना है और हम एक उम्मीद के सहारे यहां तक पहुंचे हैं। हम सोच रहे हैं कि ऊपर वाला जो हालात देखे, वैसे ना हो और आज जो रिजल्ट आए, वो ऐसा हो जो बिल्कुल सबको एक साथ डाल दे। कहीं ना कहीं जिस तरह की हालत थी, वह बद से बदतर थी, लेकिन आज भी एक उम्मीद के सहारे यहां तक पहुंचे हैं कि कुछ ना कुछ अनोखा होने वाला है, कुछ अच्छा रिजल्ट आने वाला है।
अरशद राणा ने अपनी व्यक्तिगत पीड़ा का उल्लेख करते हुए कहा कि मेरे बेटे के साथ जो हुआ, मुझे गम इस बात का है कि बच्चे के साथ ऐसा किया गया। लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं चाहता हूं कि काकरोली में जिस तरीके के मुकदमे लिखे गए, वो मुकदमे खत्म हो और जिन्होंने मेरे बेटे के साथ यह अनचाही घटनाएं की, जैसे थप्पड़ मारे, लट्ठ मारा और एक अपराधी जैसा व्यवहार किया, वह नहीं होना चाहिए था।
अरशद राणा ने कहा कि पूरे विधानसभा में पतंग उड़ रही है, लेकिन हालात ऐसे रहे कि पतंग को खींचने में लोग भागते रहे। लेकिन आज देखते हैं, ऊपर वाला कोई चमत्कार कर दे तो अच्छा है। उम्मीद है, उम्मीद की किरण पर सारी चीजें बाकी हैं। आप भी उम्मीद की किरण पर यहां खड़े हैं, मैं भी उम्मीद की किरण लेकर आया हूं और मुझे उम्मीद है कि कहीं ना कहीं कुछ बहुत अच्छा होगा। मैंने एक कहावत कही थी कि यह चुनाव उस चुनाव के लिए है, जिसमें हमने सबक सिखाने के लिए चुनाव लड़ा है। चुनाव की हार-जीत तो खुदा के हाथ में है।