उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “सिद्धि विनायक के चरणों में मैंने अपनी श्रद्धा अर्पित की है और आशीर्वाद मांगा है कि केवल मेरी ही नहीं, बल्कि पूरी महायुति की जीत हो और महायुति की सरकार महाराष्ट्र में फिर से बने। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनके सहयोगी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में जो सरकार काम कर रही है, वह आगे भी चलती रहे, ताकि महाराष्ट्र और मुंबई में विकास की योजनाएं धरातल पर लागू होती रहें और जनता का कल्याण हो।
इस बार चुनाव में जो हुआ, वह यह है कि एक बार काठ की हांडी में फिर से पकाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह बार-बार नहीं चलता। पिछले चुनाव में उन्होंने कहा था कि हम संविधान बदल देंगे, आरक्षण खत्म कर देंगे, लेकिन इस बार उनका झूठ पूरी तरह से बेनकाब हो गया। कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोगियों के झूठ को जनता ने पहचान लिया है, और इस बार जनता ने महायुति की सरकार के द्वारा किए गए सवा दो वर्षों के काम के आधार पर अपना वोट दिया है।”
इसके बाद उन्होंने कटेंगे तो बटेंगे के नारे पर कहा, “इस नारे में गलत क्या है। जब हम एकजुट होते हैं, तो हमारी ताकत बढ़ती है। अगर हम बिखर जाएंगे, तो हमारी शक्ति कमजोर हो जाएगी। यही तो बात है, एकता में शक्ति होती है। दुनिया में कोई ऐसा नेता या विचारक नहीं है जो कहता हो कि बिखरने से ताकत मिलती है। यह वही लोग थे, जिन्होंने पहले डिवाइड एंड रूल की नीति अपनाई थी। अंग्रेजों ने इसे लागू किया, फिर कांग्रेस ने इस नीति को अपनाया है। समाज में बिखराव पैदा करके अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया। उनकी राजनीति इसी बिखराव पर टिकी है, लेकिन हमारी राजनीति एकता पर आधारित है। यही हमारी ताकत है। महायुति की सरकार महाराष्ट्र में बनेगी, निश्चिंत रहिए।”