अप्रैल-सितंबर अवधि में कोयला आयात में आई 13,629 करोड़ रुपये की कमी

नई दिल्ली। मिश्रण के लिए गैर-विनियमित क्षेत्रों और कोयला-आधारित घरेलू थर्मल पावर प्लांट्स द्वारा कोयले का आयात वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से सितंबर अवधि में 9.83 प्रतिशत घटकर 63.28 मिलियन टन (एमटी) हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 70.18 एमटी था। यह जानकारी कोयला मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।

मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, यह दर्शाता है कि इन सेक्टरों का घरेलू कोयला आपूर्ति पर विश्वास बढ़ रहा है। हालांकि, स्टील इंडस्ट्री और आयातित कोयले पर चलने वाले थर्मल पावर प्लांट के लिए जरूरी कुकिंग कोल के आयात में वृद्धि हुई है।

अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान कुल कोयला आयात 1.36 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 129.52 मिलियन टन (एमटी) रहा है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 127.78 मिलियन टन था।

वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर अवधि में आयतित कोयले की वैल्यू 1,38,763.50 करोड़ रुपये थी, जो कि पिछले साल समान अवधि में 1,52,392.23 करोड़ रुपये थी। समीक्षा अवधि में इसमें 13,628.73 करोड़ रुपये की कमी देखने को मिली थी।

इस साल अक्टूबर में भारत का कोयला उत्पादन 7.4 प्रतिशत बढ़कर 84.45 मिलियन टन हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 78.57 मिलियन टन था। अक्टूबर में कैप्टिव और अन्य संस्थाओं से कोयला उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 11.70 मिलियन टन से बढ़कर 16.59 मिलियन टन हो गया।

मंत्रालय ने कहा कि 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में भारत का कोयला उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 506.56 मिलियन टन की तुलना में 6.1 प्रतिशत बढ़कर 537.45 मिलियन टन हो गया।

मंत्रालय ने कहा कि हमारा ध्यान आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते हुए ऊर्जा सुरक्षा और लागत दक्षता सुनिश्चित करने पर है।

सरकार द्वारा निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लागातार घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

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