बीएस राय: उत्तर प्रदेश में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लग गई। बृजेश पाठक ने बताया कि आग में घायल हुए 17 अन्य बच्चों का फिलहाल इलाज चल रहा है। उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में शुक्रवार देर रात लगी भीषण आग में कम से कम 10 नवजात शिशुओं की जलने और दम घुटने से मौत हो गई।
शनिवार सुबह झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में कुल 49 बच्चे हैं। शनिवार सुबह झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में कुल 49 बच्चे हैं। पाठक ने बताया कि वार्ड में कुल 49 बच्चे हैं, जिसकी क्षमता केवल 18 बेड की है।
सात बच्चों के शवों की पहचान हो गई है, जबकि तीन की पहचान नहीं हो पाई है। बृजेश पाठक ने कहा कि उनकी पहचान करने और उनके परिवार के सदस्यों तक पहुँचने के प्रयास जारी हैं। पाठक ने कहा कि आग में घायल हुए 17 अन्य बच्चों का वर्तमान में मेडिकल कॉलेज और विभिन्न निजी अस्पतालों के आपातकालीन विंग में इलाज चल रहा है, जिनमें से सात को निजी सुविधाओं में भर्ती कराया गया है।
शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण बताया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है और उच्च स्तरीय जांच और प्रभावित परिवारों को मदद का आश्वासन दिया है।
प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात लगी आग ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। एनआईसीयू के बाहरी हिस्से में जो बच्चे थे उन्हें बचा लिया गया, लेकिन अंदरुनी हिस्से में भर्ती गंभीर रूप से बीमार बच्चों को बचाना मुश्किल हो गया।
कमिश्नर झांसी बिमल कुमार दुबे ने बताया कि हादसे के वक्त एनआईसीयू में 50 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे। आग लगने के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। 30 से ज्यादा बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। 16 घायल बच्चों का इलाज चल रहा है, जबकि 7 नवजात बच्चों की पहचान हो गई है। बाकी तीन बच्चों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हृदय विदारक घटना पर दुख जताया। उन्होंने जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही कमिश्नर और डीआईजी को 12 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़ इस हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं।
झांसी की यह घटना पूरे देश के लिए चेतावनी है। यह न केवल अग्नि सुरक्षा की खामियों को उजागर करती है, बल्कि अस्पतालों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल देती है। इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके जवाब तलाशे जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। यह हादसा महज आग लगने की घटना नहीं, बल्कि व्यवस्थागत खामियों और लापरवाही का नतीजा है, जिससे सबक लेना जरूरी है।