राज्य में निजी नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच चल रही है। वहीं, न्यायिक समिति की रिपोर्ट में आए तथ्यों से पता चला है कि राज्य में कुल सात सौ नर्सिंग कॉलेज हैं, इनमें से लगभग पांच सौ संचालन के योग्य नहीं है। इसे लेकर कांग्रेस हमलावर है और सरकार पर तीखे हमले बोल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था भयानक दुर्दशा के दौर से गुजर रही है। प्रदेश के 500 नर्सिंग कॉलेज का संचालन योग्य न पाया जाना बेहद गंभीर मामला है। यह न सिर्फ व्यापमं से बड़ा घोटाला है, बल्कि प्रदेश के युवाओं के भविष्य और पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था से खिलवाड़ है।
उन्होंने आगे कहा, यह कैसी विडंबना है कि प्रदेश में शिक्षा संस्थान, प्रतियोगी परीक्षा, भर्ती प्रक्रिया सभी की साख खत्म होती जा रही है और प्रदेश से मिलने वाली डिग्रियों और डिप्लोमा को बाकी देश में विश्वसनीयता से नहीं लिया जा रहा।
वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने नर्सिंग कॉलेज के मामले में कहा, लंबी जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है कि प्रदेश में केवल 200 कॉलेज ही ऐसे हैं, जो नियमों की पूर्ति करते हैं। पटवारी ने कहा कि हम लोग लगातार भ्रष्टाचार की बात उठा रहे थे, वह सच साबित हुई, ऐसे में अब जिन लोगों ने इन कॉलेजों को मान्यता दी, उन सब पर कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने संबंधित मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
राज्य में खाद की समस्या को लेकर पटवारी ने कहा, केंद्रीय कृषि मंत्री के क्षेत्र बुधनी में भी लोगों को खाद की परेशानी हो रही है, बीजेपी के लोग खाद की समस्या न होने की बात कह रहे हैं, जबकि स्थिति सबके सामने हैंं।