राज्यपाल ने कहा- पत्थरबाजों को भी अब और माफी नहीं मिलेगी

 राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पत्थरबाजों के खिलाफ आतंकियों के समान व्यवहार के थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान का समर्थन तो किया, लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में आतंकी मन्नान की मौत पर नमाज अदा करने व आजादी का नारा लगाने वालों के लिए माफी को सही ठहराया।

उन्होंने कहा कि अगर कश्मीरी छात्र विवि से वापस आते तो उसका बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ता। राज्यपाल ने पत्थरबाजों के हमले में एक सैन्यकर्मी शहादत पर दुख जताते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी को इसकी निंदा करनी चाहिए। अगर वह लोग आतंकियों के समर्थक या पत्थरबाजों की मौत पर अफसोस जताते हैं तो उन्हें इस घटना की भी निंदा करनी चाहिए।

मेरे राज्यपाल बनने के बाद कश्मीर में आतंकी हिंसा में कमी आई है, पथराव कम हआ है और चुनाव भी सफलतापूर्वक हुए हैं। सीमा पार बैठे आतंकियों के आका हताश हो चुके हैं। दबाव पर कश्मीर में सक्रिय एजेंटों ने फिर से पथराव को बढ़ाना शुरू कर दिया है। रावत ने पत्थरबाजों के खिलाफ जो कहा है, जिस कार्रवाई की बात की है, मैं उसका पूरा समर्थन करता हूं जिसके हाथ में बंदूक हो उसके खिलाफ कार्रवाई तो होगी। पत्थरबाजों को भी अब और माफी नहीं मिलेगी।

उन्हें किसी राजनीतिक दबाव में नहीं छोड़ा जाएगा। जो कानून के मुताबिक सजा हो पत्थरबाजों को मिलेगी। राज्यपाल ने कुलगाम में मुठभेड़स्थल पर धमाके में गत रविवार को सात लोगों की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि हमने इनके परिजनों के लिए पांच-पांच लाख का मुआवजा घोषित किया है। हमने लोगों से कहा है कि वे मुठभेड़स्थल पर न जाएं। अगर जाएं तो उसके परिणाम के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।

कश्मीर के राजनीतिक दलों से भी कहा है कि वे अपने लोगों को मुठभेड़ स्थल से दूर रहने के लिए कहें। मैं संविधान की किताब का आदमी हूं भाजपा का यसमैन होने के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि मैं संविधान की किताब का आदमी हूं।

भाजपा का चोगा मैंने राज्यपाल बनते ही उतार दिया था। मैं जो कर रहा हूं संविधान के मुताबिक ही कर रहा हूं। हां,अगर मेरे से पहले भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार में कोई गलत काम हुआ है तो उसके लिए भाजपा और पीडीपी के लोग जिम्मेदार हैं, मैं नहीं। जब महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थी तो कई कोताहियां हुई हैं तभी तो भाजपा उनसे अलग हुई है।बातचीत तभी जब पाक का जिक्र न हो हुर्रियत और पाकिस्तान की कश्मीर पर भूमिका के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हुर्रियत से तभी बात होगी जब वह पाक का जिक्र नहीं करेगी।

हुर्रियत कोई स्टेक होल्डर नहीं है, वह ट्रबलमेकर है। पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस को भी अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि वह पाकिस्तान की वकालत नहीं कर सकते। सभी को पता होना चाहिए कि उन्हें जो भी बात करनी है भारतीय संविधान के दायरे में करनी है,उन्हें वही मिल सकता है जिसकी संविधान में गुंजाइश होगी।

भ्रष्टाचार पर कसी नकेल भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कश्मीर के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को ठीक उसी तरह संपत्ति और आय का ब्योरा सार्वजनिक करने का एक माह का समय दिया है जिस तरह से आइएएस कैडर सपंत्ति का ब्योरा देते हैं। कश्मीर प्रशासनिक सेवा में कुछ ऐसे लोगों का कथित तौर पर चयन हुआ है जो परीक्षा में नहीं बैठे थे।

जम्मू कश्मीर बैंक में 500 से ज्यादा युवक मेरे हस्ताक्षेप के बाद नियुक्त हुए हैं। इन युवकों ने दो साल पहले चयन परीक्षा पास की थी। इनकी जगह पिछली सरकार ने चहेतों को लगाया था।दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होरिलायंस की बीमा कंपनी के साथ कर्मियों के बीमे के करार को रद किए जाने पर उन्होंने कहा कि बीमा योजना को लागू करने का भी निर्देश मेरा था। जब इसे लेकर लोगों ने सवाल उठाए तो मैंने उसी समय इसे रद कर दिया। एंटीक्रप्शपन ब्यूरो को मामले की जांच दो माह में पूरी करने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए कहा है।

मन्नान का एक लेख पढ़ा था : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आजादी के नारे लगाने वाले छात्रों के लिए माफी के अपने फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि आतंकी मन्नान का मैंने एक लेख पढ़ा। यह सभी लोग गुमराह और अज्ञानी हैं। इन्हें हिंदोस्तान के बारे में कुछ पता नहीं है। विश्र्वविद्यालय में आतंकी मन्नान ने पढ़ाई की थी। वैसे भी हमारे देश में अगर कोई डाकू मर जाए तो उसकी बिरादरी के लोग उसे जानने वाले उसके जनाजे में शामिल होते हैं। उसके लिए प्रार्थना करते हैं।

अलीगढ़ में कुछ छात्रों ने मन्नान की मौत पर नमाज अदा करनी चाही थी। उपकुलपति ने उन्हें कहा था कि वह नमाज मस्जिद में अदा करें। कुछ छात्र नहीं माने और कुछ ने नारे भी लगा दिए। विश्र्वविद्यालय प्रशासन ने दो छात्रों को निलंबित कर दिया था। देशद्रोह का मामला भी दर्ज कर लिया। मामला तूल पकड़ गया। वहां पढ़ने वाले सभी कश्मीरी छात्रों ने पढ़ाई छोड़ने की धमकी दी।

अगर वह पढ़ाई छोड़कर यहां कश्मीर आते तो क्या संदेश जाता, यही सोचकर मैं सिहर गया था। मैंने उपकुलपति से बात की निलंबन रद हो गया। अगर यह मामला बिगड़ जाता, उससे जो क्षति कश्मीर में हमें होती उसकी कभी भरपाई नहीं होती। मलिक ने कहा कि अब हमने तय किया है कि जिस राज्य में 12 कश्मीरी बच्चे पढ़ाई कर रहे हों, उनके मसलों के हल के लिए राज्य सरकार लायजन अधिकारी नियुक्त करेगी। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com