उन्होंने आईएएनएस से इस बारे में बात की। कहा, “तेजस्वी यादव राजनीति के छुरछुरी पटाखे हैं। वह रात में लाइट करते हैं, दिन में लाइट नहीं करते हैं। वह राजनीति में अपने आपको पिछड़ा खिलाड़ी कहते हैं। वेतन घोटाले के आरोपी हैं। उनको डर है कि सौहार्द बिगड़ जाएगा।
इतिहास याद दिलाते हुए कहा, नीतीश कुमार का 19 साल का शासन है। आपके पिताजी (लालू प्रसाद यादव) का सौभाग्य था कि उन्होंने भागलपुर दंगे के मुख्य आरोपी को मवेशी मेले में दंगाइयों को चांदी का मुकुट पहनाया था। यह सामान्य बात नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, तेजस्वी यादव के पिता हम पर आरोप लगाते हैं। 29 दिसंबर 1989 को उन्होंने संसद में भागलपुर बीजेपी और आरएसएस को बदनाम करने के लिए कई बयान दिए थे। तब सर्टिफिकेट कौन जारी कर रहा था? आपके पिता जारी करते थे। हम टावर बनाकर बापू का सम्मान करते हैं और आप प्रॉपर्टी टावर बनाकर कानून से छेड़छाड़ करते हैं नीतीश कुमार की शासन व्यवस्था का इंजेक्शन जब लगता है तो माननीय सुप्रीम कोर्ट तक उसकी हनक कायम रहती है।”
इसके बाद उन्होंने झारखंड चुनाव में आरजेडी के हिस्से मात्र 6 सीटें आने पर कहा, अब यह तेजस्वी यादव का यह आंतरिक मामला है लेकिन मुझे ऐसा लगता है। उन्हें इस बात का एहसास था कि लंबे समय से चारा घोटाले में जेल में बंद रहे हैं तो जेल से मेरा इतना प्रभाव है कि हमारी पार्टी को बहुत सी सीटें मिलेंगी। उनको मिली 6 सीटें। एक अंदरूनी जानकारी मिल रही है कि एक जेल में बैठे व्यक्ति को राजद ने टिकट दिया है। अगर यह सच है कि तो भारतीय लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता है। शुचिता की राजनीति का दावा करने वाले जेल में बंद व्यक्ति को टिकट देते हैं। घोटाले के आरोपी को टिकट देने से ज्यादा शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता।”