गंगा संरक्षण के लिए कठोर कानून बनाने की मांग को लेकर अनशनरत स्वामी गोपालदास को पीजीआइ चंडीगढ़ से एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। देर रात एंबुलेंस उन्हें लेकर यहां पहुंची। उन्हें इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है।
11 अक्टूबर को स्वामी सानंद की देह त्यागने के बाद 12 अक्टूबर को स्वामी गोपालदास मातृसदन हरिद्वार में अनशन पर बैठ गये थे। 13 अक्टूबर को उन्हें हरिद्वार प्रशासन ने एम्स में भर्ती कराया था। 16 अक्टूबर को एम्स से उन्हें छुट्टी दे दी थी। गोपालदास उसी दिन मातृसदन में उपवास के लिए बैठ गये थे। हरिद्वार प्रशासन ने उन्हें फिर अगले रोज एम्स ऋषिकेश पहुंचाया।
यहां पूरी रात उन्हें इमरजेंसी में रखा गया। एम्स प्रशासन उन्हें इमरजेंसी का रोगी नहीं बल्कि ओपीडी का रोगी मान रही थी। 18 अक्टूबर को एम्स प्रशासन ने पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए उन्हें रेफर कर दिया था। शनिवार को रात्रि करीब पौने आठ बजे चंडीगढ़ से एंबुलेंस उन्हें लेकर ऋषिकेश एम्स पहुंची।
यहां उन्हें इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है। एम्स के जन संपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल के मुताबिक उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिकित्सकों का अलग पैनल बनाया गया है। जो उनके स्वास्थ्य परीक्षण के बाद रिपोर्ट देगा। मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी धर पैनल की मुखिया है। जरूरत पड़ी तो गोपालदास के बॉयोकैमिकल व अन्य टेस्ट किए जाएंगे।