अमेरिकी सेना थाड मिसाइल डिफेंस सिस्टम (THAAD) को इजरायल में तैनात करने पर विचार कर रही है. आइए जानते हैं ये THAAD क्या है और कैसे काम करता है.
इजरायल में जल्द तैनात अमेरिका का ब्रह्मास्त्र तैनात होगा. अमेरिकी सेना थाड मिसाइल डिफेंस सिस्टम (THAAD) को इजरायल में तैनात करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो अमेरिकी सैनिक भी इसे ऑपरेट करने के लिए इजरायल जाएंगे. यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक मिसाइलें दागी थीं. आइए जानते हैं कि ये THAAD क्या है और कैसे यह ईरान की मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त कर देगा.
क्या है थाड (What is THAAD)
थाड (THAAD) का मतलब टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस है, जिसे दुनिया का सबसे एडवांस एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम माना जाता है. यह दुश्मन की बैलिस्टिक जैसी मिसाइलों को तेजी से हवा में ही मार गिराने में सक्षम है, इसलिए इसे ‘मिसाइल किलर’ के नाम से भी जाना जाता है.1987 में पहली बार प्रस्तावित THAAD सिस्टम को 1991 में खाड़ी युद्ध के स्कड मिसाइल हमलों के बाद लॉकहीड मार्टिन ने बनाया था.
थाड की खासियतें (THAAD Features)
अमेरिका का ये हथियार ‘हिट टू किल’ तकनीक पर काम करता है. उड़ान की शुरुआत में ही टारगेट को मार गिराता है. मिसाइलों को रोकता नहीं है खत्म करता है. इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम में बेहद मजबूत राडार सिस्टम है, जिससे ये टारगेट को बहुत ही ट्रैक कर लेता है और फिर उसे पलक झपकते ही ध्वस्त कर देता है. THAAD की मारक क्षमता भी काफी अच्छी है. यह 200 किमी की दूरी तक मार करने की ताकत रखता है. इस पूरे सिस्टम में इंटरसेप्टर, रेडियो और राडार उपकरण होते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इसे अच्छे से ऑपरेट करने के लिए कम से कम 95 सैनिकों की जरूरत होती है. थाड को छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को तबाह करने के लिए बनाया गया है. THAAD से एक ही बार में 8 मिसाइलें दागी जा सकती हैं. मौजूदा समय में ये एंटी मिसाइल सिस्टम अमेरिका, रूस, फ्रांस, इटली और ब्रिटेन जैसे ताकतवर देशों के पास मौजूद है.
THAAD कैसे करता है काम?
जब दश्मन मिसाइलें अटैक करती हैं, तो THAAD का राडार सिस्टम आने वाले खतरे को भांपता है. इसके बाद वो टारगेट की पहचान करके उस पर पलटवार करने के लिए एक्टिव हो जाता है. इसके तुरंत बाद ही ट्रक पर लगे हुए इंटरसेप्टर लॉन्चर से मिसाइल निकलती है और वो दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही नेस्तनाबूत कर देती है. एक इंग्लिश न्यूज चैनल की ओर से यूट्यूब पर अपलोड वीडियो में इस पूरी प्रकिया का देख सकते हैं.
इजरायल को क्या होगा फायदा
इजरायल के पास अपने एयर डिफेंस पहले से मौजूद हैं. उनमें आयरन डोम, डेविड स्लिंग और ऐरो मुख्य रूप से शामिल हैं. इन्हीं के बलबूते इजरायल ने ईरान के सबसे बड़े मिसाइल अटैक को बेअसर किया था और अपने नागरिकों की जान बचाई था. अब जब अमेरिका से थाड सिस्टम तैनाती के लिए इजरायल को मिल जाएगा, तो यकीनन उसकी एयर डिफेंस की ताकत में आमूलचूल इजाफा होगा. वहीं अगर ईरान फिर से इजरायल पर मिसाइलों की बौछार करेगा तो इसे अमेरिका भी हमला माना जाएगा. ऐसे में भीषण युद्ध होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी. ये ईरान के लिए एक झटके में तबाह होने जैसा होगा.